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जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में आगामी 10 अगस्त से आयोजित होगा एमडीए कार्यक्रम

10 अगस्त से आयोजित होगा एमडीए कार्यक्रम

पहली बार बूथ निर्माण कर लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाना है सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी विभागों एवं सहयोगी संस्था के साथ सहभागिता बैठक का आयोजन प्रतिनिधि, किशनगंज सूबे के 13 जिले के साथ जिले में इस वर्ष आगामी 10 अगस्त से एमडीए राउंड चलाया जाना है. जिले में 2 तरह की दवा खिलाई जायेगी. घर-घर जाकर ही लोगों को दवाएं खिलाई जायेगी. इस कार्यक्रम की सफलता के लिए जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला की अध्यक्षता में सभी विभागों एवं सहयोगी संस्था पीरामल फाउंडेशन, पिसीआई, पिएसआई एवं डब्लूएचओ के पदाधिकारियों के साथ जिला सहभागिता समिति की बैठक का आयोजन किया गया. शत-प्रतिशत कवरेज पर दें ध्यान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि पटना में आयोजित स्टेट टीओटी के माध्यम से जिले के भी प्रतिनिधि को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य 10 अगस्त से आयोजित एमडीए कार्यक्रम में शत-प्रतिशत योग्य आबादी को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन सुनिश्चित कराना है. वहीं जिला एवं प्रखंड स्तरीय समन्वय बैठक, गुणवत्तापूर्ण दवा खिलाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमतावर्धन सहित ससमय सभी आवश्यक गतिविधियों का कुशल क्रियान्वयन जरूरी है. जिसमें यह प्रशिक्षण बेहद कारगर साबित होगा. उन्होंने आगामी एमडीए राउंड की सफलता के लिए सभी सहयोगी संस्था के साथ जिले के जनप्रतिनिधि, आशा, आंगनबाड़ी और जीविका दीदियों को सहयोग करने की अपील की. पहली बार बूथ निर्माण कर लोगों को खिलायी जायेगी दवा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि एमडीए में पहली बार बूथ निर्माण कर लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाना है. उन्होंने कहा कि बूथ का निर्माण आंगनबाड़ी, स्कूल, पंचायत, पीएचसी, सीएचसी सहित मेडिकल कॉलेज पर होगा. उन्होंने एमडीए की सफलता में बेहतर माइक्रोप्लान निर्माण, डीए( ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर) के प्रशिक्षण, हाउस एवं फिंगर मार्किंग पर विस्तार से जानकारी दी. सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आलम ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है. रोग के प्रसार को नियंत्रित करने की दिशा में हर स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है. इसमें समुचित सहयोग हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया दिव्यांगता फैलाने वाली विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को क्यूलेक्स मादा मच्छर काटती है, तो उसके शरीर में माइक्रोफाइलेरिया परजीवी पहुंच जाते हैं. यह मादा मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है. छह माह से दो साल के भीतर माइक्रोफाइलेरिया परजीवी परिपक्व होकर कृमि में बदल जाता और प्रजनन कर अपनी तादाद बढ़ाता है. तब संक्रमित व्यक्ति में फाइलेरिया के लक्षण दिखना शुरू होते हैं. यह परजीवी रात नौ से दो के बीच ज्यादा सक्रिय होता है. इसलिए इसकी जांच भी रात नौ बजे के बाद ही होती है. अधिकांशत किशोरावस्था में यह संक्रमण प्रारंभ होता है. इससे उनमें कमजोरी, काम में रुचि न लेना, थकान, खेलने-कूदने में मन न लगना जैसे लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं. लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें यदि ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं. तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा शुरू करवाना सुनिश्चित करवाएं. डॉ आलम, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी

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