टीका लगवाने के लिए लोगों में भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए की जायेगी पहल
सामुदायिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये नियमित टीकाकरण का शत प्रतिशत आच्छादन जरूरी है. उक्त बातें सदर अस्पताल में टीकाकरण को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कही.
किशनगंज. टीकाकरण से बच्चों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता का विकास होता है. इससे बच्चों का कई संक्रामक रोगों से बचाव संभव है. सामुदायिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये नियमित टीकाकरण का शत प्रतिशत आच्छादन जरूरी है. उक्त बातें सदर अस्पताल में टीकाकरण को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कही. बैठक में उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में ये उपलब्धि 90.3 फीसदी के करीब रहा है. वहीं सूबे में जिला सातवें स्थान में रहा है. हालांकि जिले के कुछ इलाकों में अभी भी नियमित टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में कई तरह का भ्रम व्याप्त है. खासकर दलित, महादलित व अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके के लोगों के बीच टीकाकरण को लेकर झिझक व इंकार की स्थिति बनी हुई है. इन चुनौतियों से निपटते हुए नियमित टीकाकरण मामले में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के उद्देश्य से विभागीय स्तर से जिले में विशेष पहल की जायेगी. इसके लिए लगातार प्रखंड विकास पदाधिकारी के अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग एवं सहयोगी संस्था के कर्मियों के द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है. साथ ही विभिन्न स्तरों पर इसके अनुश्रवण व पर्यवेक्षण की प्रक्रिया की बेहतर बनाते हुए आच्छादन में सुधार का प्रयास किया जायेगा.
शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति का होगा प्रयास
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि पूर्ण प्रतिरक्षण के शत प्रतिशत आच्छादन लक्ष्य की प्राप्ति के लिये जिले में प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को संचालित नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सहित ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता वीएचएसएनडी व पोषण दिवस यूएचएसएनडी के तहत उपलब्ध सेवाओं का सघन अनुश्रवण व पर्यवेक्षण किया जायेगा. अनुश्रवण के क्रम में संबंधित वीएचएसएनडी सत्र से संबंधित जनसंख्या, जन्म दर के अनुसार लाभार्थियों का आकलन करते हुए अद्यतन सर्वे के आधार पर ड्यू लिस्ट से मिलान किया जायेगा. ड्यू लिस्ट के आधार पर संबंधित क्षेत्र की आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभिभावकों को अपने बच्चों के टीकाकरण के लिये प्रेरित करेंगी. जिलास्तर से डीआइओ, डीसीएम सहित डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, आरआरटी सहित अन्य सहयोगी संस्था के जिला स्तरीय प्रतिनिधि द्वारा कम से कम दो सत्र स्थलों का अनुश्रवण किया जायेगा. साप्ताहिक अनुश्रवण प्लान हर सोमवार को राज्य स्तर से उपलब्ध कराया जाना है. साथ ही जिला स्तर पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन भी किया जा रहा है.आरोग्य दिवस के सफल संचालन से स्वत: सुधार संभव
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि आरोग्य दिवस के सफल क्रियान्वयन से नियमित टीकाकरण संबंधी मामलों में स्वत: सुधार संभव है. इसलिए जिलास्तरीय अधिकारी अनुश्रवण के क्रम में वीएचएसएनडी सत्र पर वैक्सिन, सिंरिज, एनाफलेक्सिस किट, परिवार नियोजन व एएनसी जांच से संबंधित किट सहित अन्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे. सत्र पर पहुंचने वाले कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण संबंधी मामलों की समीक्षा व इसका निराकरण किया जायेगा. पोषक क्षेत्र के कम से कम दस घरों का भ्रमण करते हुए रिफ्यूजल, टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में व्याप्त झिझक दूर करने की पहल की जायेगी. साथ ही संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से कॉल्ड चैन, वैक्सिन, दवा की स्थिति, संस्थागत टीकाकरण, संस्थान में जन्म लेने वाले बच्चों का बर्थ डोज व विटामीन के की खुराक का सेवन सुनिश्चित कराने को लेकर पहल की जायेगी.विभिन्न स्तरों पर किया जायेगा कार्यक्रम का अनुश्रवण
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ मुनाजिम ने बताया कि नियमित टीकाकरण संबंधी मामलों का विभिन्न स्तरों पर अनुश्रवण किया जायेगा. इसे लेकर प्रत्येक सोमवार सिविल सर्जन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की जायेगी. इसमें संबंधित अधिकारी व सहयोगी संस्था व सहयोगी विभाग के प्रतिनिधि शामिल होंगे. वहीं प्रत्येक महीने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले मासिक टास्क फोर्स की बैठक में भी संबंधित मामलों की समीक्षा की जायेगी. टीकाकरण दिवस पर सत्र का निर्धारण जिला प्रतिरक्षण कार्यालय द्वारा प्रखंडों का उपलब्ध कराया जायेगा. सत्र स्थलों का चयन इस तरह से किया जाना है ताकि दो से तीन सप्ताह के अंदर सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र के माध्यम से आयोजित होने वाले सत्र का अनुश्रवण संभव हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है