जन्म के बाद एक-एक सेकेंड जरूरीकिशनगंज.जन्म के बाद नवजात की देखभाल के लिए एक-एक सेकेंड बहुत महत्वपूर्ण होता है. दरअसल, जन्म के बाद तीन बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता है. सबसे पहले तो यह पता करना होता है कि किस नवजात को पुनर्जीवन की जरूरत है. दूसरा पुनर्जीवन वाले बच्चे की पहचान भी उतना ही जरूरी है और तीसरा सबसे अंतिम बच्चे के पुनर्जीवन के बाद भी यदि उसकी देखभाल की जरूरत है या नहीं. इस तीनों प्रक्रियाओं की पहचान करना बहुत ही जरूरी होता है. यदि इसकी पहचान हो गई तो फिर आगे की राह आसान हो जाती है.सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जन्म के पहले 60 सेकेंड तक बच्चे की देखभाल बहुत ही आवश्यक होता है. जन्म के तुरंत बाद उसकी निगरानी पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. यदि नवजात पूरी तरह से स्वस्थ्य है तो ठीक है, लेकिन जन्म के बाद अगर कोई हरकत नहीं कर रहा है तो उसे किस ट्रीटमेंट की जरूरत है, इसकी पहचान करना बहुत जरूरी हो जाता है. अगर इसकी पहचान हो जाती है तो फिर बच्चे का इलाज आसान हो जाता है.
जन्म के बाद एक-एक सेकेंड जरूरी
महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पूनम कुमारी ने बताया कि ज्यादा गंभीर होने पर एसएनसीयू रेफर कर देना चाहिएः मैरी जूली ने बताया कि जन्म के बाद पहले 60 सेकेंड तक बच्चों की निगरानी भी दो भागों में करने की जरूरत है. पुनर्जीवन वाले बच्चे अगर 30 सेकेंड की ट्रीटमेंट में बेहतर हो गया तो ठीक है. यदि नहीं नहीं हुआ तो अगले 30 सेकेंड तक किस तरह से उसका ट्रीटमेंट करना है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है. जन्म के बाद नवजात एक मिनट के अंदर रोया या नहीं, शरीर कहीं पीला तो नहीं पड़ रहा है. यदि बच्चे की ब्लड, शुगर इत्यादि जांच करानी है तो इसे जल्द पहचानना पड़ता है. यदि नवजात ज्यादा गंभीर लगे तो उसे सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में रेफर कर देना बेहतर होता है. जिले के सदर अस्पताल में एसएनसीयू सहित सभी सुविधा सहजता पूर्वक उपलब्ध है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है