वक्फ विधेयक पर गठित जेपीसी के पांच राज्यों के दौरे का बहिष्कार कर रहे विपक्ष के कई दलों के सांसद
कांग्रेस सांसद सह जेपीसी सदस्य डॉ मो जावेद आजाद ने प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि जेपीसी की शनिवार से शुरु हुई बैठकों का बहिष्कार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आज 9 नवंबर को गुवाहाटी में आयोजित जेपीसी की बैठक में उन्होंन और अन्य सांसदों भाग नहीं लिया.
किशनगंज.वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पांच राज्यों के दौरे का विपक्ष के कई दलो के सांसद बहिष्कार कर रहे है. कांग्रेस सांसद सह जेपीसी सदस्य डॉ मो जावेद आजाद ने प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि जेपीसी की शनिवार से शुरु हुई बैठकों का बहिष्कार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आज 9 नवंबर को गुवाहाटी में आयोजित जेपीसी की बैठक में उन्होंन और अन्य सांसदों भाग नहीं लिया और आगे भी छह दिनों के अलग अलग राज्यों क्रमश भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना और लखनऊ में आयोजित बैठकों का भी बहिष्कार करेंगे. सांसद डॉ मो जावेद आज़ाद ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो पीएम मोदी ने दबाव में आकर जेपीसी का गठन किया. उसमें भी मनमानी और जल्दबाजी से काम कर रहे हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा कि जेपीसी की बैठकें सप्ताह में दो दिन नौ घंटे तक चलती हैं जिसमें आने जाने और रहने में चार दिन चला जाता है जिससे क्षेत्र में जनता का कार्य बाधित हो रहा है. उन्होंने कहा कि जेपीसी की बैठकों के दौरान ऐसे कई लोगों की गवाही दर्ज कर रहे हैं जिनकी वक्फ मुद्दे में कोई भूमिका ही नहीं है और उन्हें वक्फ का मतलब तक नहीं मालूम. उनसे सरकार के पक्ष में बुलवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अतीत में भी कई जेपीसी हुई हैं. सभी मामलों में जल्दबाजी नहीं कि गयी थी बल्कि दो वर्ष और तीन वर्षी तक चली थी लेकिन वक्फ संशोधन बिल मामले में जल्दबाजी कर मनगढ़ंत रिपोर्ट सौंपने की तैयारी की जा रही है. जिससे मुस्लिमों के पूर्वजों के वक्फ की जमीन को पूंजीपतियों और भूमाफियाओं को हाथों में चली जायेगी. सांसद ने बताया कि तीन नवंबर को विपक्षी सांसदों ने इस शिकायत को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा था. उन्होंने कहा कि ये बैठकें मात्र शोपीस बैठकें बन कर रह गयी है.
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