पानी टंकी, घर के अंदर और आसपास जगहों में पानी को जमा न होने दें : डॉ मंजरकिशनगंज .बारिश होने के बाद डेंगू का लार्वा मुख्य रूप से जमे हुए साफ पानी में पैदा होता है. मानसून के शुरू होते ही लोगों को डेंगू से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है. इस मौसम में घर के आसपास बहुत से कीटाणुओं के बढ़ने के कारण लोगों के बीमार होने की संभावना भी बढ़ जाती है. ऐसे मौसम में लोगों को डेंगू और चिकनगुनिया से ग्रसित होने की बहुत खतरा रहता है. लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान लोगों को डेंगू होने के कारण, उसके लक्षण के साथ साथ अस्पताल में इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं के प्रति जागरूक किया जाता है.
स्कूल में आयोजित किया गया जागरूकता अभियान
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जिले के सभी अस्पतालों में उपलब्ध मरीजों के साथ साथ आसपास के विद्यालयों में भी स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम की अध्यक्षता में जिले के स्कूली विद्यार्थियों को डेंगू से सुरक्षा के लिए जागरूक किया गया. इस दौरान बच्चों को बदलते मौसम में डेंगू या चिकनगुनिया से सुरक्षित रहने के लिए घर के आसपास सफाई रखते हुए जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने की जानकारी दी गयी.
उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में लोगों को मच्छर से सुरक्षित रहने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़ों का उपयोग करना चाहिए. घर में सभी कमरों को साफ सुथरा और हवादार बनाये रखना चाहिए. टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी एवं घर के अंदर और अगल बगल में पानी को जमा न होने दें. गमला, फूलदान इत्यादि में जमा पानी को हर दूसरे दिन में बदलना चाहिए. अगर घर के आसपास कोई तालाब या नली हो तो वहां नियमित रूप से जमे हुए पानी पर मिट्टी के तेल डालना चाहिए.उन्होंने बच्चों को बताया कि हर बुखार डेंगू नहीं हो सकता. बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर बिना समय नष्ट किए चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और उनके निर्देश पर इलाज करवाना चाहिए ताकि लोग स्वस्थ रह सकें. इसके अलावा जिले के सभी अस्पतालों में भी राष्ट्रीय डेंगू दिवस के दौरान जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे.
जिले में वर्ष 2023 डेंगू से 34 मरीज हुए थे चिह्नित: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि 2024 में बारिश की पिछले कुछ दिनों से हो रही है. ऐसे में लोगों को यह जानना आवश्यक होता है कि बारिश के दौरान लोग कैसे किसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं. बारिश के समय घर के आसपास पानी का जमाव हो जाता है. स्थिर साफ पानी के जमाव होने से उसमें एडीज मच्छर पनपने लगता है.संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से कोई भी व्यक्ति डेंगू या चिकनगुनिया का शिकार हो जाता है. यह मच्छर दिन के समय में ही लोगों को अपना शिकार बनाता है. वर्ष 2023 में बारिश के मौसम के दौरान पूर्णिया जिले के 34 मरीज डेंगू से ग्रसित पाए गए थे जबकि इस वर्ष अब तक एक भी केस नही है
सभी मरीजों की जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला एवं प्रखंड अस्पताल में एडमिट करते हुए आवश्यक इलाज करवाया गया. सभी संक्रमित व्यक्ति को डेंगू से सुरक्षा के लिए अपना और अपने परिजनों का ध्यान रखने के साथ लक्षण दिखाई देने पर अस्पताल में जांच करवाने का निर्देश दिया गया है.सभी अस्पतालों में उपलब्ध रहती है डेंगू की जांच सुविधा: सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि बारिश के मौसम में अस्पताल में डेंगू से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. इसके लिए सभी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाया जाता है जहां डेंगू से ग्रसित मरीजों को एडमिट करते हुए उन्हें इलाज सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में 10 बेड वाले डेंगू वार्ड सुरक्षित रखा जाता है. इसके साथ साथ प्रखड़ अस्पतालों में भी डेंगू मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया जाता है. डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर प्रखंड अस्पताल में मरीजों की एनएस-1 की जांच होती है. इसमें ज्यादा ग्रसित पाए जाने पर संबंधित मरीज की जिला में एलिजा टेस्ट कराई जाती है. वहां चिह्नित होने पर मरीज को डेंगू ग्रसित मानते हुए उन्हें इलाज की जाती है. डेंगू एवं चिकनगुनिया बुखार की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है. समय पर पहचान और इलाज करवाने पर मरीज घर में ही आइसोलेटेड स्थिति में रह सकते हैं और आवश्यक उपचार करवाते हुए पूर्णतः स्वास्थ्य हो सकते हैं.सिविल सर्जन ने बताया कि बदलते मौसम के साथ जिले में डेंगू मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के प्राइवेट अस्पतालों और पंजीकृत लैब सेंटरों को डेंगू मरीज की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाता है. प्राइवेट अस्पताल व लैब सेंटरों से मरीज के डेंगू ग्रसित होने की जानकारी प्राप्त होने पर मरीज को सूचित करते हुए उन्हें इलाज करवाने की जानकारी दी जाती है.
इसके साथ साथ संबंधित मरीज के परिजनों को भी डेंगू या चिकनगुनिया जांच करवाने का निर्देश दिया जाता है जिससे कि लोग संबंधित बीमारी की पहचान कर अपना इलाज सुनिश्चित करें और स्वस्थ हो सकें. प्राइवेट अस्पताल व लैब सेंटरों से जांच के दौरान अगर दूसरे जिला के रहने वाले कोई व्यक्ति डेंगू या चिकनगुनिया ग्रसित पाया जाते हैं तो मरीज को सूचित करने के साथ साथ संबंधित जिला के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग को भी सूचित किया जाता है जिससे कि संबंधित क्षेत्र के लोगों को भी जागरूक करते हुए ग्रसित मरीजों की पहचान कर इलाज सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.डेंगू मरीज होने पर सम्बंधित क्षेत्र में होती है फॉगिंग: प्रभारी वेक्टर जनित रोग काउंसेलर अविनाश रॉय ने बताया कि डेंगू मरीज की पहचान होने पर संबंधित क्षेत्र के आसपास के घरों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक सप्ताह के अंदर ही फॉगिंग कराया जाता है. इससे संबंधित क्षेत्र के डेंगू होने वाले मच्छर नष्ट हो जाते हैं और अन्य लोग डेंगू ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं. इसके अलावा क्षेत्र के लोगों को भी डेंगू की पहचान के लिए लक्षण की जानकारी देते हुए इलाज के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाता है जिससे कि सभी लोग डेंगू या चिकनगुनिया जैसे बीमारी से सुरक्षित रह सकें.
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