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14 सितंबर को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने की बैठक

14 सितंबर 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने को ले मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारीगण के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव ओम शंकर ने बैठक की.

By Prabhat Khabar News Desk | September 10, 2024 7:34 PM

सभी न्यायाधिक पदाधिकारी रहें मौजूद किशनगंज.किशनगंज न्यायालय परिसर में आगामी 14 सितंबर 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने को ले मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारीगण के साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव ओम शंकर ने बैठक की. बैठक में अधिक से अधिक सुलहनीय वादों के निपटारे पर चर्चा हुई. बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुक्तेश मनोहर के अलावे अन्य दंडाधिकारीगण उपस्थति थे. राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आवश्यक तैयारियां की जा रही है. राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निष्पादन को ले कुल पांच पीठ का गठन किया गया है. पीठ संख्या एक में न्यायिक सदस्य अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ विवेक भारद्वाज एवं गैर न्यायिक सदस्य पैनल अधिवक्ता जय किशन प्रसाद, पीठ संख्या – 02 में न्यायिक सदस्य मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुक्तेश मनोहर एवं गैर न्यायिक सदस्य सत्य प्रकाश, पीठ संख्या – 03 में न्यायिक सदस्य अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय दिव्या अमल एवं गैर न्यायिक पैनल अधिवक्ता सदस्य अर्चना, पीठ संख्या – 04 में न्यायिक सदस्य सिविल जज ( जूनियर डिवीज़न ) प्रथम इंजमामुल हक़ एवं गैर न्यायिक सदस्य पैनल अधिवक्ता प्रभात कुमार रॉय तथा पीठ संख्या – 05 में न्यायिक सदस्य मो रामिजुर रहमान एवं गैर न्यायिक सदस्य पंकज कुमार, पैनल अधिवक्ता की प्रतिनियुक्ति की गई है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ओम शंकर ने बताया कि पूर्व में बैंक से बैठक कर सभी बैंक पदाधिकारियों को बैंक ऋण में नियमानुसार आवश्यक छूट देने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि उक्त लोक अदालत में अधिक से अधिक बैंक ऋण मामलों का निपटारा हो सके तथा आम जनता को इसका लाभ मिल सके. सचिव ने लोक अदालत का लाभ लेने के लिए आम जनता से अपील की. ध्यातव्य है कि व्यवहार न्यायालय परिसर में आगामी 14 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा. जिसमें दावा वाद, अपराधिक शमनीय वाद, चेक बाउंस के मामले, विद्युत विभाग के मामले, पारिवारिक मामले (तलाक वाले मामले को छोड़कर), बैंक ऋण एवं टेलीफोन बिल से संबंधित मामले एवं अन्य वाद जो सुलहनीय प्रकृति का हो का निष्पादन आपसी समझौता से किया जाएगा.

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