एक रात के इबादत से मिलता है ग्यारह महीनों के इबादत का सवाब
जिले के मुख्यालय के विभिन्न मुस्लिम बहुल क्षेत्र मस्जिदों में गुरुवार की रात शब-ए-बारात का त्योहार धूमधाम व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. त्योहार को लेकर नौजवान व बच्चों में विशेष खुशी देखी गई.
किशनगंज.जिले के मुख्यालय के विभिन्न मुस्लिम बहुल क्षेत्र मस्जिदों में गुरुवार की रात शब-ए-बारात का त्योहार धूमधाम व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. त्योहार को लेकर नौजवान व बच्चों में विशेष खुशी देखी गई. माना जाता है कि एक रात के इबादत से ग्यारह महीनों के इबादत का सवाब मिलता है. इस रात अल्लाह के खास फरिस्ते जिब्राइल अलैहिस्सलाम काबा सरीफ पर उतरकर पूरे दुनिया को अपने पंख से ढक लेता है. शब-ए-बारात यानी इबादत की रात, मगफिरत की रात, कुछ मांगने की रात, एक ऐसी रात, जिसमें पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल लाहो अलैह व सल्लम के दीवाने हजरत अवैस करनी रजी. की याद में मनाया जाता है. शब-ए-बारात हर साल इस्लामी कैलेंडर के अनुसार माहे शाबान की 14वीं तारीख को हदुस्तान समेत पूरे दुनिया में मनाई जाती है. इस रात में लोग मस्जिदों में जाकर सारी रात अल्लाह ताला को रजा हासिल करने के लिए नमाज, कुरान खानी कर इबादत किया करते है. रात में लोग कब्रिस्तान में जाकर अपने पूर्वजों के नाम फातिहा पढ़ते है. उनके गुनाहों की बख़्सिस के लिए दुआं मांगते है. शब-ए-बारात के 15 दिन बाद इस्लाम का पाक महीना रमजान शुरू होता है.
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