ठाकुरगंज हाट में हो रहे पक्के दुकानों के निर्माण कार्य का स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने किया विरोध
हटिया में दुकानदारों ने दुकान का निर्माण कर रहे मजदूरों को काम करने से रोक दिया और किसी भी हाल में दुकान निर्माण नहीं करने देने की बात कही.
ठाकुरगंज. ठाकुरगंज हटिया के जीर्णोद्धार के नाम पर बन रही पक्की दुकानों का निर्माण कार्य विवादों में घिर गया है. शुक्रवार को हटिया में दुकानदारों ने दुकान का निर्माण कर रहे मजदूरों को काम करने से रोक दिया और किसी भी हाल में दुकान निर्माण नहीं करने देने की बात कही. वहीं शुक्रवार को हुए विवाद के बाद अब नगर पंचायत भी आक्रामक मूड में आ गया है और उसने मिस्त्री और लेबर के साथ मारपीट के आरोपितों की पहचान कर उन पर थाना में मामला दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद से नगर का माहौल गरमा गया है और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
क्या है मामला
बताते चले ठाकुरगंज नगर पंचायत के द्वारा आतंरिक मद से ठाकुरगंज हटिया के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया. जिसमें कुल 159 दुकानों का निर्माण होना था. इस कार्य की शुरुआत हटिया के दक्षिण हिस्से से हई. लेकिन निर्माण शुरू होते ही दुकानदारों ने विरोध शुरू कर दिया. एक दिन पूर्व ही दर्जनों लोगों ने नगर पंचायत कार्यालय में जाकर निर्माण कार्य का विरोध किया था वहां स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई थी की दो पक्षों में मारपीट की नौबत तक आ गई थी.शुक्रवार को फिर हुआ विरोध
बुधवार को नगर पंचायत कार्यालय में दुकानदारों के द्वारा किये गए विरोध के बाबजूद जब दूकान निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चालु रहा तो शुक्रवार को हटिया करने पहुंचे दुकानदारों ने काम रोक दिया और जम कर बबाल काटा. और इस दौरान मजदुरों के साथ मारपीट का भी आरोप लगा.दुकानदारों की क्या है मांग
इस मामले में हटिया करने वाले दुकानदारों ने बताया की सप्ताह में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को हटिया लगता है.जिस हिसाब से दुकान बनायी जा रही है उससे देहात के गरीब किसान, सब्जी उत्पादक अपने उत्पाद इस हटिया में बेच नहीं पायेंगे. सब्जी, फल, ताजा मांस, खाद्यान्न या परचून सामग्री आदि हाट में खरीद-बिक्री की जानेवाली प्रमुख सामग्री हैं. गांव के लोगों की दैनिक जरुरतों को पूरा करने में हाट की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण है. सदियों से भारत के गांवों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने में हाट की भूमिका रही है . इसलिए ठाकुरगंज हटिया के पुराने स्वरुप को ही बरक़रार रखा जाए और पक्के निर्माण की जगह शेड का निर्माण हो दुकानदारों का कहना है की इस स्थल पर ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में किसान अपने उत्पाद को बेचने आते है. पक्के दुकान का किराया देना उनके बस की बात नहीं ऐसे में दुकान निर्माण के बदले शेड का निर्माण नगर पंचायत को करना चाहिए.ग्रामीणों ने मारपीट की घटना से किया इंकार
इस मामले में कई दुकानदारों ने इस आरोप से इंकार किया कि किसानों या दुकानदारों ने मजदूरों से मारपीट की है दुकानदारों ने मामले को राजनैतिक रंग देने के साथ मामले में अपनी गलती छिपाने का आरोप नगर पंचायत प्रशासन पर लगाया.क्या कहते है कार्यपालक पदाधिकारी
इस मामले में ठाकुरगंज नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक ने कहा कि हमारा उद्देश्य ठाकुरगंज हाट को सुरक्षित व सुसज्जित बनाना है. इसी उद्देश्य से हाट के चारों ओर से दुकान निर्माण की प्रकिया आरंभ की गई है. उन्होंने बताया की पक्का दुकान का निर्माण हटिया की भूमि के सीमांकन में हो रहा है और बीच में छोटे किसानों और दुकानदारों के लिए शेड का भी निर्माण किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है