ठाकुरगंज. प्रखंड पिपरिथान चौक से लेकर चुरली बादल चौक होते हुए कुकुरबाघी तक 14 किमी लंबी सड़क की स्थिति काफी खराब हो गई है. इस सड़क पर भारी वाहनों के आवागमन से अत्यधिक धूल दिन रात उड़ती रहती है. धूल के कारण सड़कों पर चलना तो मुश्किल होता है. सड़क के किनारे और आस पास बने मकानों पर धूल बैठती रहती है. इस धूल से लोगों में एलर्जी, अस्थमा और आंखों पर दुष्प्रभाव जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. जिससे अस्पतालों में सांस और दमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. धूल से लोगों की आंखों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. सड़कों पर धूल का उड़ना जारी रहने से राहगीरों का सफर दुश्वार हो जाता है. मुख्य सड़क पर धूल का गुब्बार से सड़क किनारे व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भारी वाहनों के गुजरने से उड़ने वाली धूल उनकी दुकानों में रखी वस्तुओं में समा जाती है, जिससे उनका सामान खराब हो जाता है. धूल लगने से खाद्य पदार्थ खराब हो जाते हैं तथा अन्य सामान भी गंदे हो जाते हैं. इससे धूल से सने सामान लेने से ग्राहक भी परहेज करते हैं. सड़क किनारे निवास करने वाले गांव कल्काडांगा, चुरलीहाट, बादल चौक, धुलासन, डिमहाट, खुर्सीडांगी, गंदू गछ, माता मेला ग्वालडांगी आदि गांवों के लोगों ने मांग की है कि इस मार्ग की मरम्मत जल्द कराई जाए जिससे कि सड़कों पर उड़ती धूल से निजात मिल सके. इस बाबत स्काथानीय ग्रामीण अरुण सिंह, गुड्डू सिंह आदि का कहना है कि सड़क पर उड़ रही धूल राहगीरों की आंखों, नाक और मुंह में समा जाती है. मुंह के रास्ते अंदर गई धूल के कण इंसान के फेफडों में एकत्र होती रहती हैं. इससे कई गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं.
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