ठाकुरगंज. प्रखंड के विभिन्न हिस्सों में लाखों के नकली लॉटरी के टिकटों की बिक्री कर माफिया गरीबों को लूट रहे हैं. गरीब प्रलोभन में अपनी कमाई का एक बड़ा भाग लॉटरी टिकट खरीदने में लगा रहे हैं. परंतु टिकट नकली होने के कारण उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होता है.
कई महीनों से से जारी है नकली लॉटरी का खेल
नकली लॉटरी का खेल विगत कई महीनों से धड़ल्ले से हो रहा है. इस गोरखधंधे को एक संगठित गैंग हाई लेवल की सेटिंग गेटिंग से बखूबी अंजाम दे रहा है. नकली लॉटरी टिकट खरीद कर गरीब ठगे जा रहे हैं.राज्य में बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद बिक रहे लाॅटरी टिकट
वैसे तो राज्य में लॉटरी टिकट की बिक्री पर प्रतिबंध है. परंतु ठाकुरगंज प्रखंड में रोजाना लाखों के नकली टिकटों की बिक्री होती है. यह गैंग नकली लॉटरी टिकट की छपाई करवा कर यहां पर धड़ल्ले से बिक्री करवा रहा है. यहां के विभिन्न चौक और चौराहों पर खुलेआम नकली लॉटरी टिकटों की बिक्री हो रही है. नकली लॉटरी का यह खेल पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है.बंगाल से आती है नकली टिकट
सूत्रों के मुताबिक नकली लॉटरी टिकटों की छपाई समीपवर्ती खोडीबाड़ी, सिलीगुड़ी के अलग अलग हिस्सों में होती है. बंगाल के इन शहरों से नकली टिकट छाप कर वहा से थोक के भाव टिकट ठाकुरगंज लाया जाता है. सड़क मार्ग पर होने वाली चेकिंग के डर से इन टिकटों की आवाजाही रेल मार्ग से होती है. इन लॉटरी टिकटों के खरीदार ज्यादातर गरीब मजदूर होते हैं. प्रलोभन में आकर लॉटरी टिकट खरीदते हैं और ठगे जाते हैं. नकली लॉटरी के चक्कर में यहां के कई गरीब परिवार बर्बाद हो चुके हैं.
पूरे प्रखंड में फैला हुआ है गिरोह का जाल
इस गिरोह का जाल ठाकुरगंज प्रखंड में फैला हुआ है. बताया जाता है कि लॉटरी का खेल (ड्रा) कराया ही नहीं जाता है. गैंग के लोग सिर्फ अपने ही गैंग के किसी व्यक्ति के नाम अफवाह फैला देते हैं कि अमुक आदमी को आज 50 हजार की लॉटरी लगी है. इसी अफवाह के कारण गरीब नकली लॉटरी टिकट खरीद लेते हैं.
एक करोड़ की जगह एक लाख है पहला पुरस्कार
ठाकुरगंज में छप रही टिकटों में पहला पुरस्कार एक लाख रूपया मिलता है, जबकि वास्तविक लॉटरी टिकट में पहला पुरस्कार एक करोड़ रूपया का होता है.वहीं लोगों को इनाम नागालेंड के रिजल्ट के अनुसार ही मिलता है इनाम टिकट भले ही ठाकुरगंज में छपता हो लेकिन इनाम ये लोग मूल लॉटरी के रिजल्ट के अनुसार ही दिया जाता है.
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