शहर के चौक-चौराहों पर कूड़े-कचरे का अंबार, लोग गंदगी से होकर चलने पर मजबूर
शहर के चौक-चौराहों पर कूड़े-कचरे का अंबार
किशनगंज शहर की सफाई व्यवस्था पर नगर परिषद प्रतिमाह लाखों खर्च करता है. फिर भी शहर की हालत नारकीय बनी हुई है. शहर के मुख्य मार्गों पर जगह-जगह कचरे का ढेर लग गया है. बदबू से आने-जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. दूसरी ओर नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि शहर में कूड़े का उठाव नियमित रूप से हो रहा है.
सड़कों पर लगा है कचरे का ढेर
स्वच्छता ही सेवा की बड़ी-बड़ी होर्डिंग व बैनर लगाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने वाला नगर परिषद खुद किशनगंज शहर की सफाई करने में रुचि नहीं दिखा रहा है. यही कारण है कि रविवार को शहर की अधिकतर सड़कों पर कूड़े का ढेर लगा हुआ मिला. कहीं कूड़े के ढेर पर आवारा पशु मंडरा रहे थे, तो कहीं सड़कों पर कचरा फैला था. गांधी चौक, लौहारपट्टी सब्जी मंडी रोड, सौदागार पट्टी रोड, नेमचंद रोड, महावीर मार्ग रोड, धर्मशाला रोड में जगह-जगह सड़क पर ही कूड़े का ढेर लगा हुआ था.शहर की मुख्य सड़कों पर जहां कूड़े का ढेर लगा है, वहीं गलियों व मोहल्ले की हालत भी नारकीय है. मुख्य सड़क पर ही कचरा का उडाव होने के कारण गली-मुहल्ले में कचरा कलेक्शन का कार्य नहीं होने के कारण लोग घर से निकलने वाले कूड़े को नालियों व खुले स्थानों में फेंकने के लिए विवश हैं. इससे लोगों को परेशानी भी हो रही है.
स्वच्छता की जिम्मा एनजीओ को देने के बाद भी स्थिति जस की तस
स्वच्छता को लेकर नगर परिषद के द्वारा आरइइस क्लीनिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को किशनगंज शहर में बेहतर साफ-सफाई का ठेका दिया है. लेकिन शहर में साफ-सफाई की स्थिति अच्छी नहीं है. शहर के नेमचंद रोड, महावीर मार्ग रोड, धर्मशाला रोड, गांधी चौक, पश्चिम पाली, सुभाष पल्ली, लोहार पट्टी रोड एवं कई गली मोहल्ले में कुड़े का अंबार लगा हुआ है. यंत्र-तंत्र कूड़ा-कचरा फैलाकर शहर की सूरत बिगाड़ दी है. मुख्य पथ के किनारे चौक-चौराहों पर जमा कचरा लोगों के लिए कष्टप्रद स्थिति उत्पन्न कर रहा है. शहर के गली मुहल्ले में कचरा जमा करने के लिए डस्टबीन लगाया गया है. नगर परिषद के द्वारा डोर टू डोर डस्टबीन लगाया गया. इसके बावजूद चौक-चौराहे पर कचरे का अंबार लगा है. शहर से कूड़ा निस्तारण का कोई ठोस इंतजाम सालों बाद नहीं हो पाया है. नगर प्रशासन शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने में नाकाम साबित हो रहा है. गंदगी से बीमारी फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है. शहर की सफाई की स्थिति काफी दयनीय है. कई ऐसे वार्ड है जहां सफाई होती ही नहीं है. वहां के लोग खुद से अपने घरों के आसपास सफाई करने को मजबूर हो रहे हैं. जबकि नगर परिषद क्षेत्र में रहने वाले लोगों को साफ-सफाई के नाम पर टैक्स चुकाना पड़ रहा है. नगर परिषद ने एनजीओ को शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था सौंप दी है. इसके अलावा दैनिक मजदूर लगाए गए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है