एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद बढ़ा जिले का राजनीतिक तापमान

बसंत पंचमी के बाद सीमांचल में सियासी हलचल तेज हो गयी है. एनडीए ने 06 फरवरी को किशनगंज के अशफाक उल्लाह खां स्टेडियम में एक संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए मिशन 2025 का आगाज किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 8:01 PM

किशनगंज.बसंत पंचमी के बाद सीमांचल में सियासी हलचल तेज हो गयी है. एनडीए ने 06 फरवरी को किशनगंज के अशफाक उल्लाह खां स्टेडियम में एक संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए मिशन 2025 का आगाज किया है. इस कार्यक्रम के दौरान विधानसभा चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही एनडीए के सियासी अभियान को मजबूती देने की कोशिश की गई है.एनडीएम के पांच घटक दल-बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड), लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एकजुट होकर मंच साझा किया.

इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, एलजेपी (रामविलास) के राजू तिवारी, हम के अनिल कुमार, और आरएलएम के मदन चौधरी ने अपने संबोधन में गठबंधन की एकजुटता का संदेश दिया. कार्यकर्ता सम्मेलन की समाप्ति के बाद एनडीए कार्यकर्ताओं में उत्साह दीख रहा है और घटक दलों के कार्यकर्ताओं में आपसी तालमेल मजबूत हुआ है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि घटक दलों में समन्वय बनाने के उद्देश्य से शुरू हुए इस संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन से एनडीए को संजीवनी मिली है.

इन नेताओं ने कार्यकर्ताओं को एकजुट कर स्पष्ट रूप से कहा कि इस साल हो रहे विधानसभा चुनाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि यह कार्यकर्ता सम्मेलन गठबंधन के भीतर तालमेल मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.

विपक्ष को कैसे लगा झटका

बताया जाता है कि जिस तरह एनडीए ने इस कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए एकजुटता का प्रदर्शन किया है, उससे एनडीए में टूट की अटकलों पर विराम लग गया है. इससे एक तरह से विपक्ष को झटका लगा है. इस सम्मेलन के जरिए घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष एक ही मंच से अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारी का आह्वान करते हैं.

गठबंधन की एकजुटता दिखाने का प्रयास

डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने और गठबंधन की एकजुटता दिखाने के इस प्रयास ने बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. एनडीए का मिशन 2025 केवल सीटों का आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि यह विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती देने और नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से सत्ता में लौटने का सुनियोजित प्रयास है.

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