Kishanganj news : किशनगंज का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. गुरुवार की रात अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री जमा खान कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम के आवास पर आयोजित एक भोज में पहुंचे. दोनों के बीच बंद कमरे में आधा घंटे तक बातचीत हुई. इसके बाद कयास लगने शुरू हो गये कि कहीं तौसीफ जदयू में तो नहीं जा रहे. हालांकि, बातचीत में तौसीफ आलम ने इसे निजी मुलाकात करार दिया और कांग्रेस सांसद पर एक बार फिर निशाना साधा.
आधा घंटे तक दोनों नेताओं की बीच हुई बातचीत
लोकसभा चुनाव के दौरान खुले मंच से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के समक्ष सांसद डॉ जावेद आजाद की शिकायत करनेवाले बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम के आवास पर गुरुवार की रात अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री जमा खान पहुंचे. इस दौरान जिला परिषद अध्यक्ष रुकैया बेगम समेत दर्जनों जिला परिषद सदस्य भी मौजूद थे. इस दौरान जमा खान और तौसीफ आलम में काफी गर्मजोशी से मुलाकात हुई और घंटों बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई.
तौसीफ को हरानेवाले अंजाम नईमी अब राजद में
तौसीफ आलम लगातार चार बार बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं. उनकी नजदीकियां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी रही हैं.तौसीफ की शादी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में एआइएमआइएम नेता अंजारनईमी ने तौसीफ आलम को हरा दिया था. हालांकि अंजारनईमी अब राजद में शामिल हो चुके हैं. बिहार में कांग्रेस-राजद में गठबंधन के कारण इस सीट पर अब राजद की दावेदारी होगी. ऐसे में मंत्री के उनके आवास पर पहुंचने के बाद यह चर्चा तेज हो गयी है कि तौसीफ जदयू में शामिल हो सकते हैं.
पुराने दोस्त हैं जमा खान : तौसीफ
इस मामले में पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने कहा कि यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात थी. मंत्री जमा खान से उनकी पुरानी दोस्ती है, इसलिए उन्हें भोज में आमंत्रित किया गया था. हालांकि इस दौरान एक बार फिर तौसीफ कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद पर निशाना साधने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि डॉ जावेद का उन्होंने विरोध किया था, क्योंकि वह क्षेत्र में नहीं जाते थे. आज अगर कांग्रेस की जीत यहां हुई है, तो वह पार्टी की जीत है न कि प्रत्याशी की. किशनगंज के मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी को वोट देकर उन्हें जीत दिलायी है. बहादुरगंज विधान सभा सीट पर राजद की दावेदारी को लेकर पूछे गए सवाल पर तौसीफ ने कहा कि विधायक अंजारनईमीएआइएमआइएम से चुनाव जीत कर आये थे, न कि राजद से. उन्होंने कहा कि अगर राजद यहां से चुनाव जीतती तो वह दावेदारी छोड़ देते, लेकिन उनकी दावेदारी बरकरार रहेगी.
तौसीफ के खिलाफ जिलाध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखा पत्र
उधर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इमाम अली चिंटू ने प्रदेश प्रभारी को पत्र लिख कर कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम के साथ-साथ नौ पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. पत्र में जिलाध्यक्ष ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में किशनगंज से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई. हालांकि चुनाव के दौरान पूर्व विधायक समेत नौ नेताओं ने पार्टी विरोधी कार्य किया है. पूर्व विधायक तौसीफ आलम के अलावा पोठिया के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष आबिद आलम, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव असगर अली पीटर, एनएसयूआइ के प्रदेश सचिव अमन रजा, पोठिया के जहांगीर आलम, कोचाधामन प्रखंड के जावेद इकबाल, नुरुल होदा, एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष इश्तियाकअसफी उर्फ बिट्टू, पूर्व कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी मो मुस्तकीम, पूर्व जिला उपाध्यक्ष नसीम अख्तर को पार्टी से निष्कासित करने व कठोर कार्रवाई की मांग की गयी है. वहीं कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. यह कोई मायने भी नहीं रखता. इस बार भी वह कांग्रेस के टिकट पर बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से दावेदार हैं. लोकतंत्र में जनता जनार्दन ही मालिक होती है.