पौआखाली. माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को इलाके के हजारों श्रद्धालु इलाके में बहने वाली नदियां महानंदा, मेंंची, डोक, कनकई, बूढ़ी कनकई में आस्था की डुबकी लगाकर मनवांछित फल प्राप्ति की ईश्वर से कामना करेंगे. खासकर माघी पूर्णिमा के पावन दिन ठाकुरगंज प्रखंड के पौआखाली और सुखानी थानाक्षेत्र में रूपादह घाट, खारूदह घाट और कादोगांव बाजार के समीप जमुना धार के किनारे पूर्वजों के समय से लगते आ रहे मेले का आयोजन की तैयारी इस बार भी जोरशोर से जारी है. इस मेले में स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावे दूरदराज के पंचायतों एवं अगल बगल के अन्य प्रखंडों से भी हर वर्ग के श्रद्धालुओं का आना होता है. श्रद्धालुओं के द्वारा नदी में स्नान दान पुण्य के अलावे बच्चों का मुंडन संस्कार भी संपन्न कराए जाते हैं. किंतु इस पवित्र और धार्मिक महत्ता रखने वाले मेले में हाल के एक डेढ़ दशकों में जुआ खेल की संस्कृति इस कदर हावी हो चुकी है कि इन मेलों का उद्देश्य मानो साफ बदल गया हो. मेला आयोजकों के द्वारा बिहार बंगाल से जुआखेल लगवाने वालों को मंगवाया जाता है और बेरोक टोक जुआ खेल का आयोजन कर मेला में घूमने वाले भोले भाले युवाओं के पॉकेट का पैसा हजम कर जाता है.
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