गलगलिया बाजार में सार्वजनिक शौचालय न होेने से लोगों को हो रही परेशानी
र्तमान पंचायती राज व्यवस्था के 24 वर्षो बाद भी गलगलिया मुख्य बाजार में शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पायी है.
गलगलिया. वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था के 24 वर्षो बाद भी गलगलिया मुख्य बाजार में शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पायी है. मूलभूत सुविधाओं में मुख्य रूप से शौचालय से वंचित सीमावर्ती क्षेत्र स्थित गलगलिया बाजार आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं पूरे पंचायत को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है किंतु लोग अब भी खुले स्थान का उपयोग करने को विवश हैं. बताते चले कि भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में बसे गलगलिया का मुख्य बाजार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. बाजार अंतर्गत विभिन्न प्रकार के करीब सैकड़ों दुकानें चला कर दुकानदार अपना भरण-पोषण करते हैं और नेपाल तथा बंगाल से सटे होने के कारण बाजार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां प्रतिदिन हाट लगती है. इसके मद्देनजर इस बाजार में सैकड़ों की संख्या में नेपाल तथा बंगाल के विभिन्न हिस्सों से लोग इस बाजार में खरीदारी करने आते हैं. बेटी-रोटी के संबंध होने के कारण सीमावर्ती देश नेपाल के विभिन्न हिस्सों के ग्राहक विशेषकर महिलाएं ग्राहक प्रतिदिन काफी अधिक संख्या में आया करती हैं. लेकिन शौचालय से वंचित इस गलगलिया बाजार में आकर वे कभी कभी असमंजस की स्थिति में फंस जाती हैं. गलगलिया बाजार में दुकानदारी करने वाले व्यवसायी बुबन शर्मा बताते हैं कि मेरी दुकान व घर बाजार में ही अवस्थित होने के कारण मुख्य बाजार में शौचालय न होने के कारण बाजार आयी कई नेपाली महिलाएं शौचालय के लिए अनुरोध करती हैं तो विवश होकर उन्हें अपने घर में बने निजी शौचालय के उपयोग की अनुमति देनी पड़ती है. साथ ही उन्होंने बताया कि इससे हमारे देश की छवि धूमिल होती लगती है क्योंकि नेपाल के स्थानीय बाजार भद्रपुर में इस प्रकार की शौचालय संबंधी कोई समस्या नहीं है. वहीं व्यवसायी सूरज साव ने बताया कि हालांकि कुछ वर्ष पूर्व जन सहयोग के द्वारा बाजार में एक अस्थायी पुरुष यूरिनल का निर्माण कराया गया है , लेकिन दरवाजा विहीन होने के कारण पुरुष तो खुले स्थान का उपयोग कर लेते हैं, लेकिन महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस संबंध में अन्य व्यवसायियों एवं स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि गलगलिया बाजार का अधिकांश हिस्सा रेलवे में पड़ता है. साथ ही उन्होंने बताया कि गलगलिया बाजार में रेलवे की जमीन पर दर्जनों दुकानें बनी हुई है, जिनसे रेलवे को अच्छा खासा राजस्व भी मिलता है लेकिन रेलवे के द्वारा भी एक भी शौचालय नहीं बनवाया गया है.वहीं इस संबंध में कई बुद्धिजीवियों एवं स्थानीय दुकानदारों के द्वारा रेलवे अधिकारियों को उक्त सारी बातों से कई बार अवगत करवाया जा चुका है. लेकिन अब तक इस समस्या के समाधान के लिए उचित कदम नहीं उठाये गये है. इस संबंध में जिला परिषद प्रतिनिधि अहमद मुखिया ने बताया कि आचार संहिता के बाद जिला परिषद के फंड से गलगलिया बाजार में आम लोगों के लिए शौचालय का निर्माण किया जायेगा.
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