बहादुरगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचायत सरकार भवन बुधरा में रविवार को मुखिया संघ के अध्यक्ष नवेद आलम उर्फ रॉकी की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित की गयी. बता दें कि ग्राम पंचायतों में अब 15 लाख से कम लागत की योजनाओं के लिए टेंडर कराने का फैसला नीतीश कैबिनेट ने लिया है. जिसके बाद मुखिया संघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया और कैबिनेट द्वारा पारित आदेश की प्रति को प्रखंड कार्यालय पोठिया के सामने जला कर विरोध -प्रदर्शन किया और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की. राज्य सरकार द्वारा पारित फैसले के अनुसार मुखिया और वार्ड सदस्यों की सहभागिता अब पंचायत के विकास कार्यो में नहीं होगी. हालांकि,पंचायतों की सरकार ऐसा नही मानती है और सरकार के इस निर्णय के विरोध में उतर आये है. प्रखंड के सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया ने साफ कह दिया है कि उन्हें सरकार का यह फैसला मंजूर नहीं है. जिसे लेकर वह विरोध प्रदर्शन पर उतरे है. मुखिया संघ ने सरकार के उन तर्कों का भी विरोध किया है. जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि ग्रामीण इलाकों में मुखिया और वार्ड सदस्य का काम सही तरीके से नहीं होता है. संघ में नल-जल योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि जब तक यह हमलोगों के द्वारा संचालित होता था. तब तक सभी लोगों को इसका लाभ मिलता था. अब एक साल से पीएचईडी को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है. तो सभी जगह योजना लगभग बंदी की स्थिति में पहुँच चुकी है. क्या सरकार को इसकी जानकारी नही है. मुखिया संघ ने एक स्वर में कहा कि नीतीश सरकार को अपने फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए और उन्हें यह फैसला वापस लेना चाहिए. इस अवसर पर मुखिया संघ के अध्यक्ष नवेद आलम उर्फ रॉकी,बुधरा मुखिया प्रतिनिधि मो.मुद्दसिर नजर,कुसियारी मुखिया मो.मुमताज आलम,सारोगोरा मुखिया प्रतिनिधि मो.शमीम आलम,नौकट्टा मुखिया प्रतिनिधि मो.जानिसार अहमद,शीतलपुर मुखिया मेराज शानी,पहाड़कट्टा मुखिया मो.शमीम अख्तर,डूबानोची मुखिया अशोक राम सहित अन्य मौजूद थे.
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