गौरी चौक के समीप एनएच 327 ई पर रेनकट की वजह से लोगों की घरों में भर रही मिट्टी, परेशान लोग
कुरगंज से पौआखाली के बीच गंभीरगढ स्थित गौरी चौक के समीप सड़क के उत्तरी हिस्से के किनारे डाली गई बालू मिट्टी इन दिनों लगातार बारिश के चलते रेनकट की भेंट चढ़ रही है.
पौआखाली.अररिया -गलगलिया एनएच 327 ई पर ठाकुरगंज से पौआखाली के बीच गंभीरगढ स्थित गौरी चौक के समीप सड़क के उत्तरी हिस्से के किनारे डाली गई बालू मिट्टी इन दिनों लगातार बारिश के चलते रेनकट की भेंट चढ़ रही है. जिस कारण एनएच 327 ई से सटे और निचले हिस्से में निवास करने वाले करीब आधा दर्जन परिवार इनसे प्रभावित है. यहां निवास करने वाले दिलीप कुमार सिंह, जानकी देवी, मुकेश शर्मा, प्रदीप राय व अन्य लोगों के घर आंगन में सड़क की मिट्टी बहकर जमा हो गई है. करीब तीन से पांच फीट ऊंचाई तक मिट्टी आंगन में भर आई है. लोगों के चापाकल और मोटर पंप तक जमींदोज हो गया. आंगन ही नहीं बल्कि घरों के अंदर भी मिट्टी जमा हो गया है जिसे प्रभावित परिवार के लोग खुद से बाहर निकालने में लगे हुए हैं. प्रभावित परिवार के लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते सड़क की मिट्टी बहकर हमारे घर आंगन के अंदर भर आई है, जिस कारण हमारे पास रहने खाने तथा स्वच्छ पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है. गली, आंगन, बरामदा, किचेन सभी जगह मिट्टी से भरा है साथ ही जलजमाव भी. करीब छह -सात माह पूर्व ही नवनिर्मित फोरलेन मार्ग में परिचालन की शुरुआत हो चुकी है. इससे पूर्व में ही हमलोगाें ने सड़क निर्माण में लगे जीआर इंफ्रा प्रालिमिटेड कंपनी से जल निकासी के साथ ही रेनकट की वजह से उनके घरों को कोई क्षति ना पहुंच पाए. इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये जाने की मांग लगातार करते रहे हैं. इसके बावजूद रोड निर्माण कंपनी की ओर से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इनलोगों ने इसके लिए ग्राम पंचायत के मुखिया, सरपंच तक से गुहार लगाई मगर उनकी वहां भी नही सुनी गई. ये लोग अपने घरों में कैसे सुरक्षित रह पाएंगे, कैसे इनके घर आंगन में कमर भर तक जमा मिट्टी को खोदकर ये लोग बाहर निकाल पाएंगे, इसकी चिंता खाए जा रही है. वहीं मामले की जानकारी के बाद इस स्थल पर रोड निर्माण कंपनी कर्मियों की एक टीम डैमेज कंट्रोल कार्य में जुटी थी. जहां- जहां भी मिट्टी बह चुका है उन जगहों में गिट्टी, बालू, सीमेंट से मिक्सड मेटिरियल तैयार कर डालने का काम किया जा रहा है. वहीं कार्य स्थल पर मौजूद कंपनी के सुपरवाइजर सुजीत कुमार ने कहा है कि क्षतिग्रस्त हिस्से में मरम्मती कार्य जारी है, रेनकट वाले हिस्से को पीसीसी कर सुरक्षित बनाया जाएगा. वहीं रोड किनारे मिट्टी के बदले बालू डाले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस इलाके में काली मिट्टी का अभाव है इस वजह से जिस मिट्टी का भी उपयोग हुआ है वह भी प्रभावकारी है.
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