स्मैक की तस्करी से रहमान व डॉली ने अर्जित की है अकूत संपत्ति

नशे की तस्करी के बड़े सरगना खगड़ा निवासी रहमान अंसारी उर्फ मोहम्मद रहमान उर्फ सुबोध और जहनाज खातून उर्फ डॉली की गिरफ्तारी के बाद नये-नये खुलासे हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 10:31 PM

किशनगंज. नशे की तस्करी के बड़े सरगना खगड़ा निवासी रहमान अंसारी उर्फ मोहम्मद रहमान उर्फ सुबोध और जहनाज खातून उर्फ डॉली की गिरफ्तारी के बाद नये-नये खुलासे हो रहैं. खुलासे भी ऐसे जो चौकाने वाले हैं. स्मैक की तस्करी की परत दर परत अब खुलती जा रही है. बताया जा रहा है कि रहमान अंसारी व जहनाज स्मैक तस्करी में प्रचलित नाम बन गये थे. विशेष बात यह है कि इस धंधे में वे अलग-अलग नाम से खुद को पेश करते थे. इससे उसे अपनी पहचान छुपाने में आसानी होती थी. इस काले धंधे से दोनों ने अकूत संपत्ति भी अर्जित कर ली है.

इस मामले में सदर थाने में एनडीपीएस व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. बताया जाता है कि बंगाल से स्मैक की खेप को लाकर खगड़ा स्थित घर में जमा करते थे. यही से स्मैक की डिलिवरी की जाती थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि स्मैक खरीदने के लिए कम उम्र के युवाओं की भीड़ लगी रहती थी. यही से पूरे जिले में सप्लाई की जाती थी. मालूम हो कि शुक्रवार की देर रात पुलिस टीम ने 261 ग्राम स्मैक के साथ दो आरोपितों खगड़ा निवासी रहमान अंसारी उर्फ मोहम्मद रहमान उर्फ सुबोध व जहनाज खातून उर्फ डॉली को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने एक लाख 40 हजार रुपये, एक मोबाइल व रजिस्ट्री से संबंधित तीन दस्तावेज बरामद किये हैं. जब्त स्मैक की कीमत 55 लाख रुपये आंकी गयी है.

पुलिस को मिले दो पहचान पत्र

स्मैक कारोबारी मोहम्मद रहमान अंसारी ने अपनी पहचान छुपाने के लिए दो अलग-अलग नाम रखे थे. पुलिस को आरोपित के पास से दो अलग अलग पहचान पत्र मिले हैं. जिसमें दोनों अलग- अलग नाम है. इतना ही नहीं पकड़ा गया आरोपित इतने शातिर था कि दोनों पहचान पत्र में पिता के नाम भी अलग-अलग है.

कई जमीन की रजिस्ट्री के मिले कागजात

पुलिस को डॉली व शंकर के घर से कई जमीन की रजिस्ट्री के कागजात व बयानामा मिला है. कुछ साल पहले तक मुफ़लिसी की जिंदगी जीने वाला दोनों आज कई संपत्ति के मालिक हैं. पुलिस को स्मैक की तस्करी से अकूत संपत्ति जमा करने के पुख्ता दस्तावेज हाथ लगे जो इनकी काली कमाई का चिट्ठा खोलने के लिए काफी है.

तस्करी करने का था अलग तरीका

पकड़े गये आरोपित काफी शातिर हैं. पुलिस से बचने के लिए ये स्मैक की छोटी छोटी पुड़िया बनाकर बेचते थे. सूत्रों की माने तो एक पुड़िया की कीमत 200 से 400 होती है जिसे बेचना काफी आसान है. अगर माल पकड़ा भी जाता था तो पुलिस के हाथ सिर्फ दो तीन पुड़िया स्मैक ही हाथ लगती थी. शुक्रवार को भी पुलिस की छापेमारी में स्मैक की डिलिवरी के लिए स्मैक की छोटी-छोटी पुड़िया को तैयार किया जा रहा था. स्मैक की छोटी-छोटी पुड़िया तैयार कर इसे बेचा जाता है.

बंगाल से लाते थे स्मैक

पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि लाखों रुपये के स्मैक जो यह किशनगंज में खपाते थे. वह बंगाल से किशनगंज लाते थे. बंगाल के गिरोह से तार जुड़ने के बाद पुलिस अब यह पता लगा रही है कि बंगाल में किसके पास से स्मैक लाया जाता था.

स्थानीय लोगो में खुशी का माहौल

डॉली और शंकर की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगो में खुशी का माहौल है. स्थानीय लोगो स्मैक के आतंक से त्रस्त थे. सैकड़ों युवा स्मैक के आदी हो अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं. स्थानीय मोहल्ले में आये दिन होने वाली छोटी बड़ी चोरी, पासवान टोला काली मंदिर में चोरी सहित कई घटनाएं यह स्मैकिये करते हैं और यह काम मात्र एक पुड़िया स्मैक खरीदने के लिए करते थे. कई घरों का चिराग इस स्मैक की वजह से बूझ चुका था. स्थानीय लोगों में आतंक ऐसा था कि लोग उनका नाम बोलने से डरते है. जो बोलता था वह परेशानी में पड़ता था.

कहते हैं एसपी

एसपी सागर कुमार ने बताया कि स्मैक के कारोबार में लगे लोगों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है. आगे भी स्मैक के धंधेबाजों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version