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जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है संसाधन : डा उर्मिला

मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना (भाव्या) के अंतर्गत लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं कि शनिवार को राज्य स्तरीय भव्या टीम के डॉ राजेंद्र प्रसाद के द्वारा उपलब्धियों कि समीक्षा की गई.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2024 7:01 PM

किशनगंज.मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना (भाव्या) के अंतर्गत लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं कि शनिवार को राज्य स्तरीय भव्या टीम के डॉ राजेंद्र प्रसाद के द्वारा उपलब्धियों कि समीक्षा की गई. समीक्षा में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ उर्मिला कुमारी ,एसीएम्ओ डॉ सुरेश प्रशाद ,डीएस डॉ अनवर हुसैन जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम , जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.

इस दौरान भाव्या कार्यक्रम के अंतर्गत दिए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं कि उपलब्धियों पर प्रखंडवार समीक्षा किया गया है. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भव्या के सभी मॉड्यूल पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का क्षमतावर्धन करते हुए सभी प्रखंडों में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक दिन सुबह 8: 30 बजे से ओपीडी सेवा शुरू करने और सभी मरीजों का वाइटल जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा उन्होंने अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का ऑनलाइन कंसल्टेशन सुनिश्चित करते हुए उनका का आभा आईडी बनाने और उन्हें स्कैन और शेयर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया ताकि रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अनावश्यक भीड़ से उन्हें बचाया जा सके . उन्होंने जिला भर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिला के सभी अस्पतालों में ओपीडी को पूर्णतः डिजिटलाइजेशन करते हुए पेपर लेश करने पर जोर देने का निर्देश दिया ताकि मरीजों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सके.

जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है संसाधन

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिला के सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य संस्थानों में डिजिटल ओपीडी स्वास्थ्य सेवा के लिए डेस्कटॉप, लैपटॉप, मोबाइल टैब के साथ इंटरनेट कनेक्शन कि सुविधा सुलभ करवाया गया है. जिले के सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भव्या कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन अंतर्गत वेब पोर्टल के माध्यम से पेपर लेस बनाने के उद्देश्य से मरीजों का लाइव इलाज किया जा रहा है. प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का लाइव इलाज किया गया. इंटरनेट, भीड़ और नये सिस्टम होने के बावजूद सैकड़ों मरीज का ऑनलाइन चिकित्सीय कार्य किया गया.

स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटेलाइजेशन उद्देश्य

राज्य स्तरीय भव्या टीम के डॉ राजेंद्र प्रशाद ने बताया कि भव्या बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल का लघु रूप है. इसे राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल कामकाज को बढ़ावा देने व एक ही प्लेटफार्म पर रोगियों का डाटा संग्रह किये जाने के उद्देश्य से लागू किया है. अब भव्या एप पर ही मरीजों का निबंधन होगा, निबंधन के बाद ओपीडी में डॉक्टर भी भव्या एप पर ही मरीजों को सभी तरह की जांच व दवा प्रिसक्राइब करेंगे. मरीज की जांच रिपोर्ट भी भव्या एचआईएमएस पर ही अपलोड की जायेगी. इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल से उपलब्ध की जा रही दवा की जानकारी भी इस एचआईएमएस पर अपलोड रहेगा. स्वास्थ्य विभागीय टीम के प्रशिक्षण प्रबंधक ने बताया कि भव्या एप के माध्यम से किसी मरीज से संबंधित पूरी जानकारी डिजीटली संरक्षित रहेगा. इलाज के लिये मरीजों को बार-बार पर्चा नहीं कटाना होगा. और इलाज के लिये पर्चा लेकर आने की झंझट से भी मुक्ति मिल जायेगी. भव्या एप पर मरीजों की आईडी पर उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर उनका इलाज संभव हो सकेगा.

स्वास्थ्य सेवाएं होंगी बेहतर, निगरानी व निरीक्षण होगा आसान : डा उर्मिला

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि भव्या एप के जरिये पर मरीजों को उपलब्ध तमाम सेवाएं पेपर लेस होगा. मरीजों के इलाज से संबंधित तमाम रिकार्ड ऑनलाइन दर्ज रहेगा. इससे स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण के साथ-साथ मरीजों को उपलब्ध सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण की प्रक्रिया आसान होगी. मरीजों को इलाज, दवा, जांच से संबंधित रिकार्ड को संरक्षित रखने की जरूरत नहीं होगी. मरीजों के 14 अंकों के आईडी खोल कर डॉक्टर मरीज से संबंधित सभी जानकारी जुटाते हुए उनका इलाज करने में सक्षम होंगे.

मरीजों को दी जा रही सुविधा का रहेगा डिजिटल रिकार्ड

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया कि भव्या एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर चिकित्सकीय सेवाओं से जुड़े तमाम कर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा. भव्या के क्रियान्वयन का मुख्य फायदा ये होगा कि मरीजों को दिये जा रही सुविधाओं का डिजिटल रिकॉर्ड रहेगा. मरीज के डिजिटल रिकॉर्ड को किसी भी अस्पताल में देखा जा सकेगा. बीमारी के लक्षणों के डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर लोकलाइज्ड प्लानिंग में सहयोग मिलेगा. मरीज को दी जा रही सुविधाओं का पूरी तरह सत्यापन हो सकेगा. मरीज को दी गई पैथोलॉजिकल जांच का रिजल्ट मरीजों के मोबाइल पर उपलब्ध होने लगेगा. गर्भवती महिलाओं को उनके एचपी, बीपी व अन्य जांच से संबंधित जानकारी तुरंत उपलब्ध हो सकेगा.

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