तेज रफ्तार वाहनों से बढ़ रहे सड़क हादसे, कई लोगों की जा चुकी है जान
भागमभाग के इस दौर में सबको अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंचने की जल्दी होती है.
किशनगंज. भागमभाग के इस दौर में सबको अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंचने की जल्दी होती है. किसी को दफ्तर जाने की जल्दी है तो किसी को स्कूल और कॉलेज जाने की जल्दी है. ऐसे में कुछ लोग अनजाने में यातायात नियमों की हवा निकाल रहे हैं. तो अधिकांश लोग जानबूझ कर नियमों को ताक पर रख कर यातायात व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं. चिंतित तो वैसे लोग हो रहे हैं जो अपने यातायात नियमों का पालन कर पूरी सावधानी से वाहन चलाते हैं और सामने वाले नियमों को ताक पर रखते हुए खतरनाक तरीके से वाहन चलाते हुए सायं सायं निकल जाते हैं. लिहाजा हादसों के कारण असमय ही लोगों की जान जा रही है. विशेषज्ञों व आंकड़ों की बात करें तो अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों का उल्लंघन से ही होते हैं.भीड़ से बचने के लिए किसी भी दिशा में वाहन चलाने की बात हो या बगैर हेलमेट के बाइक चलाना दोनों ही शान की बात बन गई है.और तो और सड़कों पर बाइक पर सवार नाबालिग बच्चों की रफ्तार को देख कर दिल दहल जाता है.
ऑटो व ई-रिक्शा चालकों की मनमानी पर हो नियंत्रण
सड़कों पर कुकुरमुत्ते की तरह सरपट दौड़ रही आटो व ई-रिक्शा ने अधिकांश यात्रियों को परेशानी बढ़ा दी है. व्यस्ततम इलाका हो अथवा संकीर्ण सड़क.सवारी बैठाने के लिए आटो रिक्शा चालक कोई भी हद को पार करने में कोई कोताही नहीं बरतते हैं. आगे निकलने में ऑटो व ई-रिक्शा चालकों से जल्दी और किसी वाहन चालकों की नहीं होती है. अधिकाशं ऑटो चालकों में युवा से लेकर नाबालिग की संख्या अधिक है. ऐन केन प्रकारेण लाइसेंस ले प्राप्त कर अपना ना सही तो भाड़े का ऑटो रिक्शा लेकर सड़कों पर सरपट दौड़ाते हैं.लिहाजा जाम की समस्या और दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है