रुईधासा पूजा पंडाल हमेशा से रहा है श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र

शहर के रुईधासा मैदान के समीप टाउन क्लब दुर्गा पूजा पंडाल हर साल की भांति इस साल भी पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ बनकर तैयार है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2024 7:52 PM

गगनचुंबी पूजा पंडाल का हर साल बदल जाता है स्वरूप.

अष्टमी,नवमी को उमड़ती है श्रद्धालु को भारी भीड़.

बंगाली पद्धति से यहां होती है शक्ति की आराधना.

रामबाबू,किशनगंज. शहर के रुईधासा मैदान के समीप टाउन क्लब दुर्गा पूजा पंडाल हर साल की भांति इस साल भी पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ बनकर तैयार है.आदि शक्ति माता दुर्गा की आराधना जारी है.गगनचुंबी पूजा पंडाल बरबस ही अपनी भव्यता से श्रद्धलुओं और राहगीरों को अपनी और आकर्षित कर लेता है.पूजा कमिटी के संरक्षक राजेश दुबे बतातें हैं कि अस्सी के दशक में यहां शक्ति की आराधना की शुरुआत हुई जो लगातार जारी है.1982 में पांच लोगों की टीम जिसमें संदीप घोस राय,स्व.बिमल दास,सुनील कुंडू,प्रदीप मजूमदार,गौतम दास (सभी अवकाश प्राप्त बैंक कर्मी थे)इन्ही लोगों ने यहां दुर्गा पूजा का शुभारंभ किया था.चार दशक से भी अधिक समय से यहां माता दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान से होता है.

इस पूजा पंडाल में उमड़ते हैं दूर-दूर से श्रद्धालु

पूजा पंडाल के ठीक सामने जिले का ऐतिहासिक रुईधासा मैदान है,जो पूजा पंडाल के भव्यता में चार-चांद लगातें हैं.क्योंकि माता रानी के दर्शन और मेला घूमने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वाहन पार्किंग,बच्चों के लिए खेल-तमाशा,मनोरंजन का यहां हर साल भरपूर प्रबंध रहता है.

हर साल लाखों होतें हैं खर्च

पंडाल का थीम हमेशा बदलता रहता है.लाइटिंग और साउंड सिस्टम में भी हर साल नया प्रयोग श्रद्धालुओं को यहां दिख जाता है.जबकि माता की प्रतिमा की और सजावट की छटा यहां हमेशा मनमोहक होती है.स्थानीय युवा और पूजा कमिटी के सदस्य काफी पहले से यहां तैयारी शुरू कर देतें हैं.विश्वकर्मा पूजा के बाद ही पूजा कमिटी पूरी तरह से सक्रिय रहती है.

अष्टमी-नवमी को लगता है विशेष भोग

नवरात्र के उत्तरार्ध में यहां अष्टमी-नवमी को महा प्रसाद के रूप खिचड़ी,हलुआ और फल का वृहद वितरण होता है. जबकि भंडारा का आयोजन नियमित रूप से होता है. टाउन क्लब परिसर में पंडित संजय भट्टाचार्य द्वारा मां दुर्गा की पूजा की पिछले कई वर्षों से कराया जा रहा है.यहां पूजा पाठ के बाद सुबह आठ बजे और संध्या छह बजे की आरती में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है.ऐसी मान्यता है कि यहां आकर सच्चे मन से माता की पूजा करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती है.मां दुर्गा की पूजा के लिए पूजा कमेटी के सदस्य दिन रात पंडाल निर्माण सहित कई अन्य कार्यो में लगे हुए हैं.

नवरात्र पर होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस साल भी नवरात्र के अवसर पर सप्तमी,अष्टमी और नवमी को माता का जागरण कार्यक्रम होगा साथ ही बच्चों के लिए भी कई तरह के प्रतियोगिता का आयोजन होगा जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पूजा कमिटी के द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

बंगाली विधि-विधान से यहां होता है पूजा-अर्चना

पूजा के मुख्य पुजारी संजय भट्टाचार्य बताते हैं कि शुरू से यहां बंगाली रीति रिवाज से माता का पूजा-अर्चना होता रहा है.पहले उनके पिता यहां मुख्य पुजारी हुआ करते थे उनके बाद पूजा वही कराते आ रहें हैं.

तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे कमिटी के सदस्य

संरक्षक राजेश दुबे अध्यक्ष गौरव सिंह,संयोजक धनंजय जायसवाल,सचिव कुंदन सिंह,कोषाध्यक्ष सुशील झा,उपाध्यक्ष संजय सिंह,सदस्य प्रदीप सिंह,सौरभ साह,संजय बनर्जी जॉय,रिशव,मोनू झा,मुकेश ओझा,गौरव , चंद्रशेखर यादव,पवन सिंह सहित पूरी टीम जी जान से जुटी हुई है.

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