पौआखाली में खनन विभाग की टीम से भिड़े बालू माफिया, प्राथमिकी दर्ज
पौआखाली थानाक्षेत्र के प्रतिबंधित खनन क्षेत्र में मंगलवार की अहले सुबहछापेमारी करने पहुंची खनन विभाग की टीम के साथ अवैध खनन कार्य में शामिल तत्वों के द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर दुर्व्यवहार करने तथा अवैध खनन में शामिल ट्रैक्टर को बलपूर्वक छुड़ाने का मामला प्रकाश में आया है.
पौआखाली (किशनगंज). पौआखाली थानाक्षेत्र के प्रतिबंधित खनन क्षेत्र में मंगलवार की अहले सुबहछापेमारी करने पहुंची खनन विभाग की टीम के साथ अवैध खनन कार्य में शामिल तत्वों के द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर दुर्व्यवहार करने तथा अवैध खनन में शामिल ट्रैक्टर को बलपूर्वक छुड़ाने का मामला प्रकाश में आया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला थानाक्षेत्र के पबना गांव का है जहां प्राप्त सूचना के बाद खान निरीक्षक सौरभ गुप्ता मंगलवार की अहले सुबह विभागीय टीम के साथ छापेमारी करने पहुंचे थें. किंतु छापेमारी टीम के द्वारा जैसे ही बालू लदे ट्रैक्टर को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई तभी अवैध खनन से जुड़े कुछ स्थानीय तत्वों के द्वारा इसका पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया और मामला खनन टीम के साथ झड़प तक पहुंच गया. खनन टीम का आरोप है कि उनके द्वारा स्पॉट पर बालू से लदे पकड़ाए ट्रैक्टर को भी बलपूर्वक छुड़ा लिया गया. अवैध खनन में शामिल तत्वों के द्वारा भय का माहौल उत्पन्न करने के बाद खनन विभाग की टीम सीधे थाने पहुंच गई. खान निरीक्षक सौरभ गुप्ता ने थाने में आवेदन देकर तीन स्थानीय व्यक्ति नौशाद आलम, आजाद आलम और दानिश आलम के विरुद्ध बिहार खनिज नियमावली 21 सहित आईपीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया है. थानाध्यक्ष आशुतोष मिश्रा ने मामला दर्ज करने की पुष्टि करते हुए बताया कि खान निरीक्षक ने अपने आवेदन के अनुसार अवैध खनन की सूचना पर मंगलवार को जब टीम के साथ वे पबना पुल पहुंचे तो लाल रंग का आयसर ट्रैक्टर को बालू के साथ जब्त कर लिया, किंतु पूर्व से ही बालू के अवैध खनन में शामिल तत्वों के द्वारा इसका विरोध कर बलपूर्वक ट्रैक्टर व चालक को अपने साथ छुड़ा ले गए. इधर बुधवार को मामले में थानाध्यक्ष घटना स्थल पर पहुंचकर पीओ नोट करने के साथ ही मामले की जांच पड़ताल में जुट गये हैं. हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं है. गौरतलब हो कि इनसे पूर्व भी पोठिया और किशनगंज थाना क्षेत्रों में भी कार्रवाई के क्रम में खनन टीम पर कथित बालू माफियाओं के द्वारा हमला कर नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में गिरफ्तारी से लेकर संबंधित बालू माफियाओं पर लाखों रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. वहीं दर्ज एफआईआर के आरोपितों ने अपने ऊपर लगाए इल्जाम को बेबुनियाद बताया है.
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