औरंगाबाद से आजीविका के लिए आयी संजू ने सोचा भी न होगा कि थम जायेंगी उसकी सांसे
बेहतर जीवन की तलाश में अपने पैतृक स्थल से 500 किमी ठाकुरगंज में शिक्षा दान कर रही संजू कुमारी को क्या मालूम था यह निर्णय उसके जीवन पर भारी पड़ेगा. अपने जीवन में कई कठिनाइयों को झेल कर संजू के पति शत्रुघ्न ने उसे उच्च शिक्षा दिलवाकर उन्हें शिक्षिका के लिए योग्य बनाया लेकिन नियति को कुछ ओर ही पसंद था.
ठाकुरगंज. बेहतर जीवन की तलाश में अपने पैतृक स्थल से 500 किमी ठाकुरगंज में शिक्षा दान कर रही संजू कुमारी को क्या मालूम था यह निर्णय उसके जीवन पर भारी पड़ेगा. अपने जीवन में कई कठिनाइयों को झेल कर संजू के पति शत्रुघ्न ने उसे उच्च शिक्षा दिलवाकर उन्हें शिक्षिका के लिए योग्य बनाया लेकिन नियति को कुछ ओर ही पसंद था. बताते चले संजू कुमारी उम्र 28 वर्ष जो औरंगाबाद जिले के दाउदनगर, वार्ड 09 की निवासी थी. शादी के समय उसकी और उसके पति शत्रुघ्न कुमार पासवान की शैक्षणिक योग्यता महज मैट्रिक थी. शत्रुघ्न कुमार ई-रिक्शा चलाकर न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण किया. बल्कि अपनी पत्नी को उच्च शिक्षा दिलवाकर शिक्षक प्रशिक्षण भी दिलवाया जिसके बल पर उनकी पत्नी संजू कुमारी ने बीपीएस टीआरई – 2 में चयनित होकर किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में भोगडाबर पंचायत में स्थित नया प्राथमिक विद्यालय खेलाभिठा में विद्यालय अध्यापक (बेसिक ग्रेड) पद पर फरवरी 2024 में योगदान किया. इन दोनों पति-पत्नी को 08 वर्ष का पुत्र और 05 वर्ष की पुत्री है. जब लगने लगा था कि इस निर्धन परिवार के बुरे दिन समाप्त होने वाले हैं. तभी संजू कुमारी की मौत हो गयी. सोमवार की शाम अपने विद्यालय से अपने किराये के मकान जो ठाकुरगंज प्रखंड कार्यालय के समीप जा रही थी. वह अपनी अन्य नियोजित शिक्षिका सरिता कुमारी जो मध्य विद्यालय भोगडाबर की स्कूटी पर सवार होकर ठाकुरगंज लौट रही थी. इसीक्रम में एनएच 327 ई पर डांगीबाड़ी मोड़ के समीप तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आ जाने से दोनों बुरी तरह से जख्मी हो गयी. बेहतर इलाज के लिए सिलीगुड़ी ले जाने के क्रम में दोनों शिक्षिकाओं की मौत रास्ते में ही हो गयी. उनके पीछे छूट गये रोते-बिलखते पुत्र,पुत्री, पति व अन्य परिजन.
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