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रेलवे स्टेशन पर क्यूआर कोड स्कैन कर टिकट की राशि का यात्री कर सकेंगे भुगतान, पूसी रेलवे की नयी पहल

भारतीय रेलवे ने यात्रा आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए एक और अच्छी पहल की है. अब पूर्वोतर सीमांत रेलवे के कई स्टेशन पर क्यूआर कोड स्कैन करके टिकटों का भुगतान किया जा सकेगा.

ठाकुरगंज स्टेशन पर भी शुरू हुई सुविधाठाकुरगंज. भारतीय रेलवे ने यात्रा आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए एक और अच्छी पहल की है. अब पूर्वोतर सीमांत रेलवे के कई स्टेशन पर क्यूआर कोड स्कैन करके टिकटों का भुगतान किया जा सकेगा. इस मामले में पूर्वोतर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया की डिजिटल इंडिया विजन को बढ़ावा देने और पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पू. सी. रेलवे) के रेलवे स्टेशनों के बुकिंग काउंटरों पर नकद रहित लेनदेन की सुविधा के लिए, पांच मंडलों- कटिहार, रंगिया, अलीपुरद्वार, लामडिंग और तिनसुकिया में 422 स्थानों पर कुल 191 क्यूआर कोड मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. इन स्थानों पर अब तक कुल 587 काउंटरों को इस सुविधा से लैस किया गया है. इसके अलावा,189 अतिरिक्त क्यूआर कोड मशीनें खरीद के अंतिम चरण में हैं और जल्द ही कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर यह स्थापित की जाएंगी.कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया की क्यूआर कोड मशीनों से लैस कुछ प्रमुख स्टेशनों में गुवाहाटी, कामाख्या, न्यू जलपाईगुड़ी,रंगिया, न्यू तिनसुकिया, कटिहार, न्यू बंगाईगांव, गोवालपारा टाउन, दार्जिलिंग, किशनगंज, न्यू कोचबिहार, घुम आदि शामिल हैं.

हजारों यात्रियों को नकद से छुटकारा

क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग प्रणाली यात्रियों को विभिन्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से अपने टिकट बुक करने और स्टेशन पर क्यूआर कोड को स्कैन कर बिना किसी शारीरिक संपर्क के स्वत: टिकट प्राप्त करने की सुविधा देगी. इस कदम से टिकट काउंटरों पर कतार कम होने, नकद का कम से कम उपयोग और तेज एवं सुरक्षित टिकटिंग प्रक्रिया सुनिश्चित होने की उम्मीद है. नकद रहित टिकटिंग के लिए क्यूआर कोड मशीनों की शुरुआत पू. सी. रेलवे द्वारा सेवाओं को आधुनिक बनाने और यात्री सुविधा बढ़ाने के प्रयासों की दिशा में हासिल की गई एक और उपलब्धि है.

यूटीएस प्रक्रिया में लगता था समय

यूूटीएस काउंटर पर रेलवे यूपीआइ आइडी के माध्यम से टिकट बुकिंग के दौरान यूपीआइ आइडी सिस्टम में इसे दर्ज किया जाता है और इसके बाद यात्री के मोबाइल पर एक मैसेज आता है, जिसमें उसे किराए की राशि दर्ज करनी होती थी. इस प्रक्रिया में अधिक समय लगता था और कभी-कभी पेमेंट भी फेल हो जाता था. अब, नई डिजिटल क्यूआर कोड प्रणाली के साथ, यह पूरी प्रक्रिया सरल, पारदर्शी हो गई है.

ये फायदे होंगे

`काउंटर पूरी तरह कैशलेस हो जाएगा, यात्रियों को खुदरा और नकद पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी, टिकट की राशि स्वत: दिखने लगेगी और क्यूआर कोड स्कैन करके पिन डालने पर तय राशि ही कटेगी, यात्रियों को आरक्षित टिकट लेते समय टिकट की पूरी जानकारी फेयर रिपीटर में दिखेगी, जिससे यात्री टिकट बुक होने के समय यह सुनिश्चित कर सकेंगे की उनका नाम, स्टेशन और गंतव्य स्टेशन का नाम, उम्र, यात्रा की तारीख टिकट में सही है या नहीं. फेयर रिपीटर में टिकट बुक करने वाले रेलवे कर्मचारी का नाम भी प्रदर्शित होगा, कोई समस्या होने पर उससे संपर्क किया जा सकेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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