अचानक बदले मौसम के मिजाज से लोग हो रहें हैं बीमार. किशनगंज.उफ! यह गर्मी,लोगों के मुंह से यही शब्द निकल रहे हैं. दोपहर में तो आसमान से आग बरस रही है.सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगता है. संक्रामक रोग भी पैर पसारने लगे है.भीषण गर्मी ने हाल-बेहाल कर रखा है.अश्विन माह बरसात और खुशगवार मौसम के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार हो रहा है ठीक उल्टा तपती गर्मी लोगों का पसीना निकाल रही है.सुबह से ही गर्मी शुरू हो जाती है.दस बजे के बाद तो बाहर निकलना भी मुश्किल हैं.दोपहर में गर्म लपटों के चलते झुलसने स्थिति बन रही है.कुल मिलाकर जिले में लू चलने जैसे हालात है.इससे बचने के लिए घरों व प्रतिष्ठानों से भी लोग नहीं निकल रहे.जरूरी कार्य होने पर ही शरीर को पूरी तरह ढककर आंखों पर चश्मा चढ़ाकर ही लोग निकल रहे हैं.तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है.
गर्मी के कारण दोपहर में सड़कों पर पसर जाता सन्नााटा
धीरे-धीरे गर्मी अपने चरम पर पहुंचती जा रही है.दिन के 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलने में लोग कतराने लगे हैं.जरूरी काम से अगर जाना भी पड़े तो वे पूरी सुरक्षा के साथ निकल रहे हैं.जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, आम जनजीवन बेहाल हो रहा है. दैनिक जीवन के उपयोगी कार्य भी बाधित हो रहे हैं. दोपहर के समय तेज धूप से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. गर्मी के कारण जहां लोग बेहाल नजर आ रहे हैं.लोग गर्मी से बचने के लिए कूलर, एसी,पंखों का सहारा ले रहे हैं.शीतलपेय का सेवन कर रहे हैं.गर्म हवाओं के थपेड़ों से लू पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. विवाह और अति आवश्यक काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं.गर्मी की वजह से बच्चों और बुजुर्गों के ज्यादा बुरे हाल है. गर्मी का बुरा असर पशु पक्षियों पर भी देखा जा रहा है.लू चलने जैसे हालात,आम जन जीवन अस्त व्यस्त
आसमान से बरसती आग, तपती धरती और गर्म हवा के थपेड़ों ने पूरे जिले को बेहाल कर रखा है. लगातार चढ़ते पारे से बाहर निकलने पर शरीर झुलस रहा है. सूखते गले को बार-बार तर करने के जरूरत पड़ रही है.मौसम की तल्खी से आम जनजीवन बुरी तरह अस्तव्यस्त है. लेकिन इस बार तो गर्मी ने अपनी सारी सीमाएं तोड़ दी हैं.तापमान में और अधिक बढ़ोतरी की आशंका है.सोमवार को शहर में आधा दर्जन लोग भीषण गर्मी से बेहोश हो गए.———————
————-सुबह से ही शुरू हो जाती है तेज गर्मीप्रतिनिधि, बहादुरगंजप्रखंड क्षेत्र में लगातार कई दिनों से उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. हर किसी की जुबान पर बस उमस भरी गर्मी गर्मी की ही बातें आती है. गर्मी की वजह से दिन में सड़कें सुनसान रहती है और लोग जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकल रहे है. कभी बिहार के चेरापूंजी कहे जाने वाले किशनगंज जिला में सितंबर माह के अंतिम दिनों में भी लोगो को जून जुलाई की गर्मी की तपिश का एहसास हो रहा है. सुबह से शाम तक लगातार लोगों को इस उमस वाली गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. दिन में ऐसी तेज धूप रहती है कि बाहर निकलने का मन नहीं करता. कुछ दूर चलते ही लोग पसीने से तर-बतर हो जाते है. सुबह से तेज धूप के कारण गर्मी बढ़ हात है. शाम व रात में भी गर्मी का कहर जारी रहता है. वहीं जूस, लस्सी, कॉल ड्रिंक्स और आईसक्रीम की दुकानों पर भीड़ साफ देखी जा सकती है. स्थानीय निवासी अरुण कुमार साहा ने बताया कि मेरी उम्र पैंसठ वर्ष है. मैने अपने जीवन में जिला में सितंबर माह में इनती गर्मी कभी नही देखी. उन्होंने कहा कि इस साल वर्षा भी कम हुई. उन्होंने इसे ग्लोबल वार्मिंग को कारण बताया.
————————————————————————–भीषण गर्मी को देखते हुए विद्यालय किये जाए बंद- रूकैयाफोटो 8 जिप अध्यक्ष रूकैया बेगम व पूर्व जिप अध्यक्ष फैयाज आलम प्रतिनिधि, किशनगंज जिला परिषद अध्यक्ष रुकैया बैगम ने सोमवार को डीएम विशाल राज को एक आवेदन सौंपा है. आवेदन में कहा गया है कि इन दिनों जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के कारण घर से निकलना मुश्किल है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को हो रही है. छोटे बच्चे न चाहते हुए भी स्कूल जा रहे है. जब तक गर्मी पड़ रही तब तक स्कूलों को बंद किया जाना चाहिए. बाद में गर्मी कम होने पर स्कूलों का संचालन शुरू किया जाए. गर्मी के कारण अभिभावकों में भी डर बना रहता है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कही बच्चे बीमार न पड़ जाए. अभिभावक भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. लेकिन ना चाह कर भी बच्चों को स्कूल भेजना पड़ रहा है. जिला परिषद अध्यक्ष रुकैया बेगम व पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष फैयाज आलम ने कहा कि कई अभिभावकों ने अपनी परेशानी बतायी है जिससे वे परेशान हैं. उन्होंने बताया कि लगातार पर रही उमस भरी गर्मी से हर कोई परेशान है. गर्मी के कारण बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्कूल बंद करना आवश्यक है.
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