30 वर्ष से ज्यादा की महिला व पुरुषों की घर बैठे होगी स्क्रीनिंग, आशा कार्यकर्ताओं संभालेंगी कमान
महिला व पुरुषों की घर बैठे होगी स्क्रीनिंग
आशा दीदी ग्रामीणों के हाइपरटेंशन, डायबिटीज व कैंसर मरीजों की करेंगी स्क्रीनिंग
प्रतिनिधि, किशनगंज
गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि यह प्रशिक्षण आशा कार्यकर्ताओं को जमीन पर काम करने के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी प्रदान करेगा. उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और लकवा जैसे गंभीर रोगों के लक्षणों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि समय रहते मरीजों का इलाज शुरू किया जा सके. आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्रों में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों का सी-बैक फॉर्म भरेंगी और फैमिली फोल्डर तैयार करेंगी. इसके अलावा, वे एनसीडी एप्लीकेशन पर डेटा अपलोड करने के लिए भी प्रशिक्षित की जा रही हैं.
प्रशिक्षण का उद्देश्य और अगली कार्य योजनागैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया की यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) के तहत गैर-संचारी रोगों की पहचान और रोकथाम को लेकर आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत, कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी बीमारियों की पहचान और इलाज की योजना बनाई गई है. आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में मिलने वाले मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद करेंगी, ताकि समय पर उनका इलाज शुरू हो सके.
गतिविधि का नियमित पोर्टल पर एंट्री करना आवश्यक हैसिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कार्यक्रम की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि एक मजबूत माइक्रो प्लान के साथ हम पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं. इसके लिए हर गतिविधि का नियमित पोर्टल पर एंट्री करना आवश्यक है, ताकि सभी जानकारियां अद्यतन रहें और मरीजों को सही समय पर इलाज मिले. इस प्रशिक्षण के माध्यम से आशा कार्यकर्ता गांवों में गैर-संचारी रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज में अहम भूमिका निभाएंगी. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण होगा और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सकेगी.
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