एससीएसटी एक्ट तीन दोषियों को चार-चार साल की जेल
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कुमार गुंजन की अदालत ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया
किशनगंज. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कुमार गुंजन की अदालत ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया. अदालत ने एससीएसटी के एक मामले में तीन आरोपितों को सजा सुनायी है. जिसमें अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र निवासी आरोपित अजीम उर्फ अजीमुद्दीन, सिकटी थाना क्षेत्र निवासी खुर्शीद आलम व टेढ़ागाछ थाना क्षेत्र के बलवा जागीर के बाबर अली को एससीएसटी अधिनियम की धाराओं में साढ़े चार वर्षों के कारावास की सजा सुनायी.वहीं अलग- अलग धाराओं में अर्थदंड की भी सजा सुनायी गई है.अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा काटनी होगी.विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी अधिनियम आदू लाल ने अदालत में सजा की बिंदु पर दलीलें पेश की.वही परिवादी के सहयोगी अधिवक्ता के रूप में वरीय अधिवक्ता नुरुश सोहेल, रामानंद गणेश व आशीष कश्यप शामिल थे.विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी अधिनियम आदु लाल ने बताया कि आरोपितों को धारा 147/149 के तहत 1 वर्ष की सजा व 1 हजार अर्थदंड, धारा 323/149 के तहत 6 माह की सजा व 500 रुपए अर्थदंड, 506/149 की धाराओं में 1 वर्ष की सजा व 1 हजार रुपए अर्थदंड की सजा अदालत के द्वारा सुनायी गई.इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति एवं अनुचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(1)),10 (टेन) के तहत दो-दो वर्षों की सजा एवं 10 -10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गई.अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी .विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी अधिनियम आदू लाल ने बताया कि मामले में 11 वर्ष पूर्व टेढ़ागाछ थाना में कांड संख्या 74/2013 व सत्र वाद संख्या 468/15 में दर्ज कांड के तहत टेढ़ागाछ थाना क्षेत्र की महिला गुलाबी देवी ने इनके विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था.मामले में खेत में कार्य कर रहे मजदूरों के साथ आरोपितों ने जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए मारपीट की थी. साथ ही इनके घर में भी तोड़ फोड़ की थी. विचारण के दौरान तीनों आरोपितों को दोषी पाते हुए अदालत के द्वारा सजा सुनायी गई.
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