धनतेरस के साथ शुरू हुई व्रत,त्योहारों की श्रृंखला
धनतेरस के साथ ही अगले एक पखवाड़ा तक लगभग हर दिन कोई न कोई पर्व,त्योहार है जो पूर्णिमा तक चलते रहेंगे.जिसमे दीपावली और छठ महत्वपूर्ण है.
अगले 15 दिनों तक कई महत्वपूर्ण पर्वदीपावली एवं छठ सबसे प्रमुखगुरुवार को मनाए जाने वाले दीपावली है विशेष फलदायी.
धन,धान्य, वैभव और समृद्धि का महीना है कार्तिक.धन तेरस से शुरू होकर पूर्णिमा तक तक रहेगी त्योहारों की छटादीपावली और छठ महापर्व की तैयारी में जुटे लोग.
किशनगंज. धनतेरस के साथ ही अगले एक पखवाड़ा तक लगभग हर दिन कोई न कोई पर्व,त्योहार है जो पूर्णिमा तक चलते रहेंगे.जिसमे दीपावली और छठ महत्वपूर्ण है. शरद पूर्णिमा के दिन से वर्षा ऋतु की विदाई और शरद ऋतु का प्रवेश हो जाता है.शरद पूर्णिमा के व्रत और स्नान के बाद ही शुरू हो जाता है.त्योहारों और व्रतों का प्रमुख महीना कार्तिक को माना जाता है.दूसरे महीनों की अपेक्षा इस महीने में सबसे ज्यादा त्योहार और व्रत होते हैं.इस महीने में पूर्णिमा व्रत व स्नान का बेहतर संयोग होता है.धनतेरस पर्व,नरक चतुर्दशी व धन संपत्ति की देवी मां लक्ष्मी के आराधना का पर्व दीपावली,अन्नकूट महोत्सव व गोवर्धन पूजा, भाई की रक्षा के लिए भैया दूज, सूर्य की आराधना का पर्व छठ पूजा और देवोत्थान एकादशी व्रत जैसे सारे प्रमुख त्योहार और व्रत इसी महीने में आते हैं.
12 महीनों में कार्तिक मास का है विशेष महत्व
पंडित घनश्याम झा बतातें हैं कि धर्म शास्त्र के अनुसार बारह मास में कार्तिक का विशेष महत्व है.यह हमारे जीवन में भी विशेष महत्व रखता है.इसके कई आधार हैं, जिसमें ऋतु परिवर्तन के चक्र से लेकर मास पर्यंत और मौसम में बदलाव देखा जाता है.कार्तिक में वर्ष के श्रेष्ठ त्योहारों का होना, देव का जाग्रत होना,चातुर्मास का समापन आदि ये सब इस बात को स्पष्ट करते हैं, कि बारह माह में कार्तिक मास का हमारे जीवन में विशेष महत्व है.वहीं
दीपावली माता लक्ष्मी के आगमन और धन,धान्य वैभव का पर्व है.कार्तिक माह के प्रमुख त्योहार
धन तेरस,रूप चौदस/ नरक चतुर्दशीदीपावली,गोवर्धन पूजा,भाई दूज,नहाय-खाय,खरना,छठ महापर्वगोपाष्टमी,आंवला नवमीएकादशी,बैकुंठ चतुर्दशी,कार्तिक पूर्णिमा
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