दिघलबैंक(किशनगंज).
वाहन चालक खेत होकर चले, सड़क पर तो मकई सूखेगा ही. जी हां मकई के सीजन में इन दिनों प्रखंड के सभी छोटी या मुख्य सड़के मकई सूखाने को लेकर अतिक्रमण का शिकार हैं. जिस कारण सड़क पर चलना लोगों के लिए जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है.सड़क पर बढ़ रहे अतिक्रमण के कारण आये दिन सड़क दुर्घटना में वृद्धि हो रही है,वही स्थानीय प्रशासन मौन हैं. बुधवार को मकई के करण दुर्घटनाग्रस्त हुए एक व्यक्ति आज भी जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है.
बताते चले कि बुधवार की देर शाम को दिघलबैंक बाजार में चप्पल, जूता का दुकान करने वाला बहादुरगंज निवासी नूरजफर बुरी तरह से सड़क हादसे का शिकार हो गया. दुर्घटना के 24 घंटे बाद भी घायल व्यक्ति को होश नहीं आया है.उसका इलाज सिलीगुड़ी में किया जा रहा है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि वह दिघलबैंक बाजार से दुकान बंद कर अपने गंतव्य बहादुरगंज जा रहा था. दिघलबैंक -बहादुरगंज मुख्य सड़क पर दिघलबैंक पेट्रोल पंप के समीप लोगों के द्वारा सड़क पर मकई सुखाने के लिये पसारे हुआ था.साथ ही मकई की सुरक्षा के लिए सड़क के बीचों बीच बड़े लकड़ी का टुकड़ा या ईटा, पत्थर इत्यादि लगाकर बॉर्डर बना कर सड़क जाम कर देते हैं. ताकि कोई भी वाहन मकई के ऊपर से न जाय. बाइक चालक नुरजफर भी सड़क पर पसारे मकई के कारण अपना नियंत्रण खो दिया और पक्की सड़क पर सर के बाल गिर गया. जिस कारण उसके सर और नाक में गंभीर चोटे आयी. मोटरसाइकिल चालक गिरते ही बेहोश हो गया. जो अभी तक होश में नहीं आया है. दिघलबैंक पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि गणेश कुमार सिंह को जब दुर्घटना की सूचना मिली तो वह फौरन घटनास्थल पर पहुंचकर घायल व्यक्ति की मदद करते हुए उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टप्पू ले गया तथा उनके परिजनों को भी सूचित किया. बताते चले की मकई के इस सीजन में प्रखंड का कोई भी सड़क मकई सूखने से छुटा हुआ नहीं है. जिस कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है.स्थानीय प्रशासन को चाहिये कि इस संबंध में कठोर कदम उठाये. और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करें.
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