अकीदत के साथ मना शब-ए-बारात, गुनाहों से निजात के लिए की गई इबादत
. पौआखाली नगर सहित पूरे प्रखंड क्षेत्र में मगरिब की नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोजा रखकर अपने अपने घरों में फातियाखानी करने के पश्चात कब्रिस्तानों में पहुंचकर अपने पूर्वजों के कब्र पर मोमबत्तियां जलायी और उनके लिए अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगी.
पौआखाली. गुरुवार की रात शब- ए – बरात का पर्व मस्जिदों में अल्लाह की इबादत, मगफिरत की दुआओं के साथ संपन्न हुआ. पौआखाली नगर सहित पूरे प्रखंड क्षेत्र में मगरिब की नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोजा रखकर अपने अपने घरों में फातियाखानी करने के पश्चात कब्रिस्तानों में पहुंचकर अपने पूर्वजों के कब्र पर मोमबत्तियां जलायी और उनके लिए अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगी. लोग रातभर मस्जिदों में कुरान शरीफ की तिलावत कर इबादत की तथा रहमत फजीलत और मगफिरत की दुआ मांगी. इस्लाम में धार्मिक मान्यता के अनुसार शब ए बरात को पूर्वजों की रूहों को गुनाहों से माफी मिल जाती है और मुक्ति भी, जिस कारण इसे रहमतों की रात कहा जाता है. मान्यता है कि शब ए बरात की रात पूरे साल किये गए गुनाहों का लेखा जोखा तय करता है यह रात पूर्व में की गई गलतियों से तौबा करने तथा अल्लाह के बताए मार्ग पर चलने की तौफीक फरमाने की दुआओं वाली रात है अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगने की रात है. इधर शब ए बरात को लेकर कब्रिस्तानों की ओर जाने वाली सड़कों, मस्जिदों में चहल पहल बनी रही. रातभर मस्जिदों में लोग अल्लाह की इबादत करते रहें.
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