सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे निर्माण कब होगा शुरू? NHAI ने RTI के जवाब में जानिए क्या बताया…

सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य कब से शुरू होगा. इसे लेकर जो जानकारी फिलहाल सामने आयी है, उसे जानिए...

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 17, 2024 10:43 AM

बिहार के सीमांचल की तस्वीर बदलने का माद्दा रखनेवाले गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट का काम अभी भी संशोधनाधीन ही है. लगभग पांच साल पहले चर्चा में आये इस एक्सप्रेस-वे की वर्तमान हालत के बाबत एनएचएआइ (NHAI) से सूचना के अधिकार के तहत पूछे गये सवाल के बाद जो जवाब एनएचएआइ के अधिकारियों ने दिया है, उससे तो साफ लगने लगा है की अभी इस योजना को धरातल पर उतरने में वर्षो लगेंगे. लगभग 15 बिंदुओं पर पूछे गये सवाल पर एनएचएआइ ने यह जवाब दिया है.

एनएचएआइ ने दिया है जवाब…

एनएचएआइ के परियोजना कार्यान्वयन इकाई मोतिहारी द्वारा पत्रांक एनएचआइ / पीआइयू / मोतीहारी / आरटीआइ / 4409 के तहत दिये जवाब में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट का काम अभी भी संशोधनाधीन है. इस योजना के डीपीआर का कार्य अभी अधूरा ही है.

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क्या है योजना…

देश के पूर्वी हिस्से का देश की राजधानी से सीधा जुड़ाव हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पूर्वी भारत में एक बड़े और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सिलीगुड़ी- गोरखपुर के बीच ग्रीनफील्ड सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने की घोषणा की है. यह योजना देश के तीन बड़े राज्यों को आपस में जोड़ेगी और लगभग 519 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने का दावा कई बार विभिन्न स्तरों पर हुआ.

मांगी गयी थी निम्न जानकारी…

आरटीआइ के तहत प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के बारे में जानकारी मांगते हुए गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की प्रति उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया था. इसके तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई, संरेखण और मार्ग का विवरण, परियोजना की अनुमानित लागत, परियोजना की योजना, निष्पादन और निगरानी में शामिल अधिकारियों/एजेंसियों की सूची, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और अन्य आवश्यक अनुमोदन की स्थिति. मौजूदा राजमार्गों, सड़कों और बुनियादी ढांचे के साथ कनेक्टिविटी के विवरण के साथ परियोजना पर नवीनतम अपडेट और परियोजना के लिए किये गये कोई व्यवहार्यता अध्ययन, सर्वेक्षण या रिपोर्ट उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया था.

किशनगंज के विकास को मिलेगा नया आयाम….


एक्सप्रेस हाइवे बनने से किशनगंज जिले के अटके विकास को सुपर स्पीड मिलने की प्रबल उम्मीद बनने लगी थी. वर्षों बाद यह जिले का पहला बड़ा प्रोजेक्ट माना जाने लगा, जो व्यापारिक-औद्योगिक विकास व रोजगार के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करेगा. सिक्स लेन का एक्सप्रेस-वे बनने के बाद स्थानीय व्यापार को गति मिलने की उम्मीद लगाये लोग बैठे हैं. ऐसी आशा प्रकट की गयी की एक्सप्रेस हाइवे जिले में पहले से स्थापित उद्योगों को देश के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में नये बाजार से संपर्क बनाने में मील का पत्थर साबित होगा. स्थानीय उत्पाद की पहुंच बड़े शहरों तक आसान हो पाएगी. किशनगंज जिले में गलगलिया के समीप हाइवे पर इंडस्ट्रियल जोन बनना प्रस्तावित है, जो रोजगार के साथ स्थानीय लोगों के लिए व्यापार के लिये नया अवसर प्रदान करने वाला होगा.

ठाकुरगंज में हुई थी एलाइनमेंट को बदलने की मांग…

योजना की चर्चा होने के साथ ठाकुरगंज शहर के पश्चिम हिस्से से गुजरनेवाली इस सड़क के एलाइनमेंट को बदलने की मांग यहां पुरजोर तरीके से की गयी थी. केंद्र सरकार की योजना भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का कार्य शुरू होने से पहले ठाकुरगंज क्षेत्र के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था. नागरिक एकता मंच ने इस मामले में वरीय मंत्रियों के साथ अधिकारियों से ठाकुरगंज नगर क्षेत्र में प्रवेश करने से करीब चार किलोमीटर के क्षेत्र में सड़क के दोनों ओर नागरिकों एवं सरकारी प्रतिष्ठानों को व्यापक नुकसान की आशंका व्यक्त करते हुए एलाइनमेंट को बदलने की मांग की थी या क्षेत्र से गुजरनेवाले एनएच 327 ई के साथ ही एक्सप्रेस-वे को जोड़ने की मांग की गयी थी.

क्यों की गयी थी एलाइनमेंट को बदलने की मांग?

मांग में प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के ठाकुरगंज नगर क्षेत्र में प्रवेश के बदले ठाकुरगंज के पहले से ही भोगडाबर के पास से पूर्व दिशा की और शिफ्ट कर दूधमांजर, कनकपुर राजस्व ग्राम होकर ठाकुरगंज नगर के पूर्व होकर बंगाल में प्रवेश करने देने की मांग की गयी थी, जिससे यह प्रोजेक्ट नगर की आबादी को प्रभावित किये बिना ही ग्रीनफील्ड एरिया में चला जाएगा और इससे सैकड़ों लोगों का रोजी-रोजगार मिलेगा और उनका घर-मकान बचाया जा सकेगा.

ठाकुरगंज में व्यावसायिक इलाके से गुजरने की थी चर्चा

ठाकुरगंज से गुजरने के दौरान ये करीब चार किलोमीटर का क्षेत्र ग्रीनफील्ड न होकर नगर पंचायत ठाकुरगंज और चुरली पंचायत के आबादी वाले कॉमर्शियल क्षेत्र से होकर गुजरेगा ऐसी संभावना सर्वे के बाद लोगो ने व्यक्त की थी. बता दें कि यहां एनएच 327 के दोनों ओर सैकड़ों मकान, दुकान, होटल, वेयरहाउस, धर्मकांटा, पेट्रोल पंप, गैस गोडाउन आदि के साथ ही बीएसएनएल का टेलीफोन एक्सचेंज, पावर सब स्टेशन, एसएसबी 19 वीं वाहिनी का मुख्यालय एवं कृषि विभाग का बीज गुणन प्रक्षेत्र भी है. साथ ही ठाकुरगंज प्रखंड में 220/132/33 ग्रिड उपकेंद्र के निर्माण के लिए बीएसपीटीसीएल द्वारा अधिग्रहित 18.59 एकड़ का भूखंड भी है. यह ग्रिड निर्माणाधीन है. साथ ही एसएसबी 19वीं वाहिनी के मुख्यालय के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गयी 30 एकड़ भूमि भी है, जिस पर निर्माण होना है. ये सभी स्थान एक्सप्रेस-वे के पूर्व के संभावित एलाइनमेंट से बुरी तरह प्रभावित होंगे.

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