ठाकुरगंज. विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि को ट्रैक किए जाने के लिए आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार आईडी) बनायी जानी है. ‘’एक राष्ट्र, एक छात्र’’ के तहत अब हर छात्र की विशिष्ट पहचान (12अंक की आईडी) होगी. जो उसकी बाल वाटिका से पीएचडी की पढ़ाई और नौकरी पाने तक मददगार होगी. आधार की तर्ज पर काम करने वाली इस आईडी को अपार नाम दिया गया है. लेकिन छात्रों का अपार आईडी कार्ड बनाने में जिला की स्थिति निराशाजनक है. इसमें बीआरसी के साथ हेडमास्टर और अभिभावकों की भी उदासीनता प्रमुख कारण है. इसको देखते हुए विभाग ने सोमवार को एक दिशा निर्देश जारी किया है और 15 फरवरी तक शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया है. दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक प्रखंड में ई-शिक्षाकोष की इंट्री के लिए 05-05 कम्प्यूटर किराये पर रखा जाये और अपार आईडी के निर्माण में गति प्रदान करने के लिए उक्त कम्प्यूटरों का उपयोग किया जाय. प्रखंड स्तर पर रोस्टर के अनुसार विद्यालयों को टैग करते हुए बीआरसी द्वारा उक्त कम्प्यूटरों का उपयोग करते हुए आपार आईडी के निर्माण का कार्य विद्यालय के माध्यम से कराया जाय. इस कार्य में विद्यालय द्वारा स्कुल में नियुक्त कम्प्यूटर शिक्षक एवं आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर के जानकार अन्य शिक्षकों से सहयोग लिया जा सकता है. स्कूलों के आईसीटी लैब में स्थापित कम्प्यूटरों का उपयोग भी आपार आईडी निर्माण कार्य के लिए किये जाने का निर्देश दिया गया है. आपार आईडी निर्माण में जागरूकता लाने के लिए प्रत्येक माह के 09 एवं 10 तारीख को विद्यालयों में अपार दिवस मनाने का निर्देश दिया गया.
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