दमघोंटू बनी हुई है जिले की हवा, कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के पार

ठंड के मौसम में धूल व धुआं के कारण आबोहवा लगातार खराब होती चली जा रही है.शहर में एक्यूआई लेबल बढ़कर 250 के पार चला गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2024 11:22 PM

किशनगंज. ठंड के मौसम में धूल व धुआं के कारण आबोहवा लगातार खराब होती चली जा रही है.शहर में एक्यूआई लेबल बढ़कर 250 के पार चला गया है. ठंड के दस्तक व सड़कों पर ट्रैफिक लोड बढ़ने के अलावा हाइवे पर चल रहे निर्माण के कारण हवा में प्रदूषण घुलने लगा है.ऐसी स्थिति में अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है. जानकारों की मानें तो जिला मुख्यालय में पिछले पांच दिनों से सुबह के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 230 के पार रह रहा है. अगर समय रहते नहीं चेते तो वातावरण में प्रदूषण और बढ़ सकता है.

विकास के लिए खोदी गई सड़कों से उड़ती धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं शहर ही नहीं पूरे जिले की आबोहवा को खराब करने का सबसे बड़ा कारण है.धूल और वाहनों से निकलने वाले धुएं की वजह से पूरे जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार खराब चल रहा है.एयर क्वालिटी सबसे अधिक शहर की खराब है.इसके अलावा धुआं,वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जित कार्बनिक तत्व,टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल से जिले की आबोहवा खराब हो रही है

टूटी सड़कों से उड़ती धूल से दूषित हो रहा वातावरण

सबसे ज्यादा दिक्कत टूटी सड़कों से उडने वाली धूल तथा वाहनों से उत्सर्जित कार्बन की वजह से वातावरण दूषित होता है. इसके अलावा अन्य कई छोटे तत्व रहते हैं,जिनकी वजह से एक्यूआइ बढ़ जाता है.जिले में एक्यूआइ 200 के पार है. वर्तमान समय में यह 200 से 260 के बीच बना हुआ है.

धूल व धुएं से दिन को सबसे अधिक खतरा

जानकर बताते हैं कि धूल और धुएं से दिल को सबसे अधिक खतरा रहता है.धूल व धुआं के कारण आंख, नाक,कान से धूल शरीर में भर जाती है.कई दिनों तक आंखों में नमी कम हो जाती है और सांस भारी सी लगती है.नींद का चक्र पूरा नहीं होता जिससे दिल के लिए खतरा बढ़ जाता है.

निर्माण कार्य में मानक का करना होगा पालन

स्थानीय निवासी कहते हैं कि निर्माण कार्य में निर्धारित मानक का पालन नहीं करने से समस्याएं बढ़ रहीं हैं.इसके लिए निर्माण कार्य के मानक का शत प्रतिशत पालन करना होगा. इसके अलावा धुएं से होने वाले नुकसान के बारे में वृहद जन जागरूकता अभियान चलाने की जरुरत है जिले में उड़ती धूल व हाइवे और मुख्य सड़कों के किनारे कचरों में आग लगाने के बाद निकल रहे धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है.यही नहीं इसके कारण हवा और भी जहरीली होती जा रही है.

इन बीमारियों का बढ़ा खतरा

ब्रोंकाइटिस,ईफिसेमा, अस्थमा के मरीजों में होगा इजाफाचिकित्सकों की मानें तो इन दिनों शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है. इस कारण सुबह में हल्की धुंध भी बढ़ी है.ऐसे में संक्रमण बर्दाश्त नहीं करने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.इस दौरान ब्रोंकाइटिस, ईफिसेमा,अस्थमा के मरीजों में काफी इजाफा होने की संभावना है.

क्या है हवा की गुणवत्ता इंडेक्स?

हवा की गुणवत्ता के आधार पर ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में छह कैटेगरी बनाई गई हैं.इसमें शून्य से 50 तक अच्छी,51 से 100 तक संतोषजनक,101 से 150 तक प्रदूषित,151 से 200 तक खराब,201 से 250 तक अत्यंत खराब और 250 से अधिक को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है.

गंदगी और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देना मुख्य कारण

शहर के बुद्धिजीवी वर्ग सहित चिकित्सकों की मानें तो शहर में समय पर कचरे का उठान नहीं करने और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देने के कारण जिले की वायु प्रदूषित हो रही है.शहर में अभी भी कई ऐसे चौक-चौराहे हैं जहां खुले में कचरा एकत्रित रहता है और उसे समय पर उठाया नहीं जाता है, जिससे वायु प्रदूषण फैलता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version