जैन मंदिर में दस लक्षण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म
जैन धर्मावलंबियों के पवित्र दस लक्षण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की उपासना की गयी.
बौंसी.जैन धर्मावलंबियों के पवित्र दस लक्षण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की उपासना की गयी. मालूम हो कि मंदार पर्वत स्थित जैन मंदिर और जैन धर्मशाला स्थित मंदिर में 9 वें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत जी का मोक्ष कल्याणक भक्ति व श्रद्धा के साथ निर्माण लाडू अर्पित कर मनाया गया. मौके पर भगवान वासुदेव के सामने सुबह में मंगलाष्टक पाठ, जलाभिषेक और शांति धारा पाठ का उच्चारण किया गया. बारामती समोशरण मंदिर परिसर में भव्य मानस्तंभ व सम वशरण पर विराजमान वासु पूज्य का जैन श्रद्धालुओं के द्वारा महामस्तकाभिषेक किया गया. मंत्र णमोकार का भी उच्चारण किया गया. मंदारगिरी क्षेत्र के प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि दस लक्षण पर्व का चतुर्थ धर्म उत्तम शौच का अर्थ पवित्रता, स्वच्छता, आचरण में नम्रता, विचारों में निर्मलता होना और लोभ रहित होना है. इस मौके पर भारी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे.
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