मेची स्थान से बरचौंदी तक जाने वाली सड़क गड्ढे में तब्दील, हजारों की आबादी झेल रही आने-जाने में दुश्वारी
हजारों की आबादी झेल रही आने-जाने में दुश्वारी
पौआखाली . यह नजारा ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाइवे 327 ई में ओल्ड मेची स्थान से कुड़ीमनी ग्राम होते हुए बरचौंदी तक 13 किमी लंबी ग्रामीण सड़क का है जो इस बरसात के मौसम में जगह जगह जलजमाव की बिगड़ी सूरत ए हाल पर अपनी दुर्दशा की कहानी को बयां कर रही है. इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी इलाके के लोगों की उम्मीद अब खत्म हो चली है, कारण कि लोग जिस दर्द को लोग वर्षों से झेलने को विवश हैं उसपर मरहम लगाने वाला कोई नहीं है, जी हां, नेशनल हाइवे 327 ई में पौआखाली से ठाकुरगंज के बीच ओल्ड मेची स्थान से बरचौंदी जाने वाली यह ग्रामीण सड़क बेहद जर्जर अवस्था में पहुंच गई है, पूरी सड़क छोटे- छोटे गड्ढों में तब्दील है जो पानी से भरे हैं. जरा सोचिए, कैसे लोग इस जर्जर सड़क पर चलते होंगे ? स्कूल, कॉलेज, अस्पताल सहित प्रखंड और जिला मुख्यालय तक आने और जाने के लिए इस क्षेत्र के लोगों का दूसरा कोई सड़क मार्ग नही है. यह इलाका केला, अनानास, चाय, धान, गेंहू, मक्का आदि खेती के लिए जाना जाता है ऐसे में किसानों को अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए लाने में भाड़े की गाड़ी तक नसीब नहीं होती. सुदूर देहात होने की वजह से ना कोई अस्पताल है ना तो ईलाज, चाहे प्रसव पीड़ा से तड़पती मां और बहनें हों या फिर कोई असाध्य रोग से ग्रसित रोगी सबके लिए यह जर्जर ग्रामीण सड़क पिछले छह सात वर्षों से जानलेवा बनी हुई है. वहीं इस बाबत बरचौंदी पंचायत के मुखिया बिरेंद्र सिंह कहते हैं कि ओल्ड मेची से चट्टान, कुड़ीमनी, झरुआडांगा, झांटीबाड़ी, मिलिक टोला, शर्मा टोला आदि के हजारों की आबादी इस सड़क पर निर्भर है. वर्ष 2016 में मेंटेनेंस वर्क के बाद आजतक इस सड़क सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
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