स्कूली बच्चों को शीतलहर के खतरे से बचाव की दी गयी जानकारी
मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत सुरक्षित सप्ताह शनिवार के तहत प्रखंड के प्राथमिक, उत्क्रमित एवं मध्य विद्यालयों में अध्यनरत छात्र- छात्राओं को शीतलहर के खतरे एवं उससे बचाव को लेकर विद्यालय शिक्षकों द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी गयी.
ठाकुरगंज. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत सुरक्षित सप्ताह शनिवार के तहत प्रखंड के प्राथमिक, उत्क्रमित एवं मध्य विद्यालयों में अध्यनरत छात्र- छात्राओं को शीतलहर के खतरे एवं उससे बचाव को लेकर विद्यालय शिक्षकों द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी गयी. वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोथरा में फोकल शिक्षक रजवी साजदा बेगम के द्वारा विद्यालय के बच्चों को बेवजह घर से बाहर न निकलने गर्म पेय पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी गई. कार्यक्रम के तहत छात्रों को जानकारी देते हुए बताया कि शीतलहर उस अवस्था को कहते हैं जब सर्दी के दिनों में तापमान सामान्य न्यूनतम तापमान से 05 से 06 डीग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है, यह अवस्था 02 से 03 दिनों तक लगातार अगर बनी रहे तो उसे शीतलहर की अवस्था कहते हैं. शीतलहर के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती है,कई बार यह जानलेवा भी साबित हो जाता है. इधर नया प्राथमिक विद्यालय गणेश टोला में शिक्षिका गोपा कुंडू ने बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है. अधिक ठंड होने से बच्चों में स्वसन से जुड़ा संक्रमण अस्तमा, खांसी, निमोनिया, डायरिया आदि के लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है. अधिक ठंड लगने से हाइपोथेमिया नामक बीमारी भी हो सकती है. आप सभी बच्चे अपनी सुरक्षा के साथ अपने आसपास के बुजुर्गों को ठंड से बचाव को लेकर उन्हें इस विषय पर जागरुक करें, ताकि ठंड से उत्पन्न होने वाले शीतलहर में लकवा जैसी बीमारी से उनके जान माल की सुरक्षा को लेकर उन्हे जागरुक किया जा सके.
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