जीरो डोज टीकाकरण के सफल क्रियान्वयन को ले प्रशिक्षण
जिले में जीरो डोज क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों को एएनएम् स्कूल प्रांगण में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया.
किशनगंज.टीकाकरण सबसे अच्छे तरीकों में से एक है जिससे आप खुद को, अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को संक्रामक रोगों से बचा सकते हैं . दूसरे शब्दों में, यदि आप टीकाकरण करते हैं, तो आप उन बीमारियों को खत्म करने में मदद करते हैं जो अभी और भविष्य में फैल सकती हैं. बच्चों और गर्भवती महिलाओं के सफल स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नियमित अंतराल पर टीकाकरण लगाया जाता है. नियमित टीकाकरण बच्चों और महिलाओं को भविष्य में होने वाले विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने में सहयोग प्रदान करता है लेकिन अभी भी बहुत से लोग हैं जो इन टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. सभी को समय पर सभी प्रकार के टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जीरो डोज क्रियान्वयन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत सभी बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण की सभी जानकारी समय से स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध हो सकेगी. जिले में जीरो डोज क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार की अध्यक्षता में सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों को एएनएम् स्कूल प्रांगण में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण द्वारा सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को सामुदायिक स्तर पर सभी बच्चों और महिलाओं के नियमित टीकाकरण करवाते हुए सभी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को समय पर अपडेट करने की आवश्यक जानकारी दी गई. इस दौरान सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार , डीआईओ डॉ देवेन्द्र कुमार, सीडीओ डॉ मंजर, एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन, डीपीएम डॉ मुनाजिम, डब्लूएचओ के ओएसए डॉ राजेश वर्मा, एसआरटीएल डॉ सुमन कंडुलना, एसएमओ डॉ प्रीतम घोष, यूनिसेफ एसएमसी एजाज अफजल, यूएनडीपी प्रोग्राम अधिकारी , भीसीसीएम राकेश कुमार वर्मा सहित सभी प्रखड़ो के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम और बीसीएम उपस्थित थे.
नियमित टीकाकरण डाटा कवरेज समय से पोर्टल पर दर्ज करने का दिया गया निर्देश
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी स्वास्थ्य पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की बच्चों और महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनका नियमित टीकाकरण होना आवश्यक है. सभी टीकाकरण की सही जानकारी समय से स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट होना चाहिए. संबंधित रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हाई रिस्क बच्चों और महिलाओं की पहचान करते हुए उन्हें समय पर स्वास्थ्य सहायता प्रदान किया जाएगा. इसके लिए समुदाय के कार्यरत आशा कर्मियों, एएनएम के साथ साथ प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सजग रहने की जरूरत है. सभी जानकारी समय से पोर्टल पर दर्ज होने से टीकाकरण से वंचित लाभार्थियों की गणना सुनिश्चित करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा. इससे सभी लाभार्थियों द्वारा विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उपलब्ध टीका से वंचित नहीं रहा जाएगा और जिला जीरो डोज टीकाकरण की श्रेणी में हो सकेगा. इसके लिए सभी अधिकारियों को भरसक प्रयास करने की जरूरत है जिससे कि जिला में नियमित टीकाकरण की सभी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को समय से उपलब्ध हो सके.
वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत बच्चों को जीरो डोज टीकाकरण से वंचित की श्रेणी में लाने का है लक्ष्य
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि बच्चों और महिलाओं के नियमित टीकाकरण के क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जीरो डोज कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसके द्वारा टीकाकरण की सभी जानकारी विभिन्न पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा जिसका क्रियान्वयन विभिन्न सहयोगी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा. इसके तहत टीकाकरण से वंचित लाभार्थियों की पहचान करते हुए उनका नियमित टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा. इससे लाभार्थियों के द्वारा विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा के लिए जीरो डोज टीका से वंचित रहा जाएगा और वे स्वास्थ्य रह सकेंगे. उन्होंने बताया कि जीरो डोज कार्यक्रम के द्वारा 06 मिलियन नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया गया है. बिहार राज्य में अभी भी 82 हजार से अधिक बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. बिहार राज्य के 25 जिलों में जीरो डोज कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत बच्चों को और वर्ष 2026 तक 30 प्रतिशत बच्चों को जीरो डोज टीकाकरण से वंचित की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा भरसक कोशिश करते हुए सभी जानकारी समय से सूचित करने पर विशेष ध्यान रखना चाहिए.
चार तरह से दर्ज होगा टीकाकरण संख्या
डब्लूएचओ एसआरटीएल डॉ सुमन कंडुलना ने कहा कि जीरो डोज टीकाकरण के सफल क्रियान्वयन के लिए चार तरह से कार्य सुनिश्चित किया जाएगा. इसके तहत नियमित टीकाकरण की सभी जानकारी यूवीन पोर्टल पर समय से दर्ज किया जाएगा. इसके आधार पर संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रेरक प्रोत्साहन, डिजिटल माइक्रोप्लान के इंटरवेंशन करते हुए निगरानी और मार्गदर्शन सुनिश्चित किया जाएगा. इससे जीरो डोज टीकाकरण में कमी को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वहां नियमित टीकाकरण सुनिश्चित हो सके.
नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए मिलेगा सर्वे पंजी
डब्लूएचओ एसएमओ डॉ प्रीतम घोष ने बताया कि नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी कर्मियों को प्रति टीकाकरण नया सर्वे पंजी उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें लाभार्थियों का चुल्हेवार सर्वे सुनिश्चित किया जाएगा. सर्वे पंजी में 0-5 वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का पूर्ण विवरण रखा जाएगा. टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को दिए गए टीके की तिथि को पंजी में आशा या मोबिलाइजर द्वारा अंकित करते हुए संबंधित जानकारी पोर्टल पर दर्ज करना सुनिश्चित करना है. यूनिसेफ एसएमसी एजाज अफजल ने बताया कि नियमित टीकाकरण हेतु नया सर्वे प्रपत्र को स्वास्थ्य कर्मी द्वारा पेन से भरा जाना है. इसमें लाभार्थियों के साथ साथ मेहमानों के टीकाकरण की जानकारी दर्ज कराई जाएगी. इसमें परिवार के मुखिया का जन्म वर्ष के साथ मोबाइल नंबर, पहचान पत्र, पहचान पत्र संख्या दर्ज करते हुए उसे यूवीन पोर्टल पर दर्ज करना सुनिश्चित करना है.