किशनगंज.जिले के ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आज आशा के लिए एममाशा”” ऐप के क्रियान्वयन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल माध्यम से सुदृढ़ करना और आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल तकनीक के जरिए अपने कार्यों को अधिक प्रभावी बनाना था.
प्रशिक्षण का उद्देश्य
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बतया की माशा ऐप का विकास स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए किया गया है. इसके माध्यम से आशा अपने कार्यक्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन, डेटा संकलन और रोगियों की मॉनिटरिंग आसानी से कर सकेंगी. ऐप का मुख्य उद्देश्य है कि आशा डिजिटल तकनीक का उपयोग करके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा कर सकें, जिससे विभाग को क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य स्थिति का सही आकलन करने में मदद मिलेगी और आवश्यक कदम तेजी से उठाए जा सकेंगे.
प्रशिक्षण का विवरण
डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया की प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए आशा ने भाग लिया. इस दौरान माशा ऐप की कार्यप्रणाली, उपयोगिता, और इसके विभिन्न फीचर्स पर विशेष ध्यान दिया गया. इस ऐप के माध्यम से आशा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व और पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन, और प्राथमिक उपचार की जानकारी अपडेट कर सकेंगी. ऐप का उपयोग करके वे अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के आंकड़े संकलित कर सकती हैं और आवश्यक रिपोर्ट भी जनरेट कर सकती हैं. स्वास्थ्य विभाग ने आशा के लिए नियमित तौर पर डिजिटल प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि वे नई तकनीकों से अवगत रहें और स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा दे सकें.
आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग का मुख्य आधार हैं
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने माशा ऐप प्रशिक्षण के आयोजन पर खुशी जाहिर की और इसे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा, “माशा ऐप का उपयोग करके आशा का काम न केवल सरल होगा, बल्कि डेटा का डिजिटलीकरण होने से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उनकी पहुंच में भी सुधार आएगा. आशा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग का मुख्य आधार हैं, और इस तरह के डिजिटल साधन उन्हें अधिक कुशल और संगठित बनाएंगे. हमारा लक्ष्य है कि स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन के इस पहल को हर आशा कार्यकर्ता तक पहुंचाया जाए ताकि वे स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से प्रदान कर सकें. डॉ कुमार ने यह भी कहा कि डिजिटल तकनीक के इस उपयोग से स्वास्थ्य विभाग को जमीनी स्तर पर आंकड़ों का अधिक सटीक आकलन करने में मदद मिलेगी, जो रोग निवारण और स्वास्थ्य सेवा के अन्य कार्यों में सहायक सिद्ध होगा. उन्होंने आशा को यह भी प्रोत्साहित किया कि वे इस ऐप का पूरा लाभ उठाएं और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अपना सहयोग दें.आशा कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
प्रशिक्षण में भाग लेने वाली आशा ने इसे उपयोगी बताया और कहा कि माशा ऐप से उनका काम काफी आसान हो जाएगा. एक आशा ने कहा, “अब हमें फाइलों में डेटा रखने की आवश्यकता नहीं होगी, और हम सीधे अपने मोबाइल पर सभी आवश्यक जानकारी अपडेट कर सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी. “सिविल सर्जन डॉ रजेश कुमार ने बताया की माशा ऐप के क्रियान्वयन के लिए आयोजित इस प्रशिक्षण सत्र ने आशा के लिए एक नई दिशा प्रदान की है. सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास सराहनीय है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल युग में नई पहचान मिलेगी और आम जनता तक स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से पहुंचाई जा सकेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है