ठाकुरगंज. फेलेरिया मुक्त अभियान (हाथी पांव) को लेकर ठाकुरगंज प्रखंड में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को बुधवार को प्रशिक्षण दिया गया. आगामी 10 से 26 अगस्त तक चलने वाले फाइलेरिया मुक्ति अभियान को लेकर आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित सभी आशा कार्यकर्ता को फाइलेरिया रोग के बारे में जानकारी देते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज ऑफिसर डॉ मंजर आलम ने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खिलाना जरूरी है. यह दवा खाली पेट नहीं खिलाना है. दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी – कभी किसी व्यक्ति को सिरदर्द, बुखार, उल्टी हो सकती हैं. इसे घबराने की जरुरत नहीं है. यह स्वतः ही ठीक हो जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान मितानिन कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर फाइलेरिया व क्रीमी की दवाई देकर फाइलेरिया जैसे खतरनाक रोगों से रोकथाम के लिए जानकारी देने के लिए कहा. उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया की दवाई वर्ष में एक बार प्रत्येक व्यक्ति को खानी चाहिए. यह लाइलाज बीमारी का पता पांच से छह वर्ष के बाद पता चलता है. अगर यह बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाए तो उसका शरीर धीरे धीरे सड़ने लगता है. इस मौके पर बीएचएम बसंत कुमार, बीसीएम कौशल कुमार, बीबीडीएस आशुतोष कात्यायन, प्रखंड मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक अखिल प्रसून, परिवार नियोजन काउंसलर संजीत कुमार व अविनाश राय, मलेरिया इंस्पेक्टर डबलूएचओ दीपक कुमार सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता उपस्थित थी.
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