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मेची नदी में उफान से बरचौंदी पंचायत के नाई बस्ती आदिवासी टोला में भरा पानी, 10 परिवारों को एसडीआरएफ की टीम पहुंचाया उंच स्थान पर, हालात बेहद खराब

.लगातार भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि से आम जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है. नदी तटीय इलाकों में बसे ग्रामीण जीवन की मुश्किलें हद तक बढ़ गई है.

पौआखाली.लगातार भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि से आम जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है. नदी तटीय इलाकों में बसे ग्रामीण जीवन की मुश्किलें हद तक बढ़ गई है. यहां तक की सैकड़ों घर पानी से चहुंओर घिर चुका है, लोग विस्थापित जीवन जीने को विवश हो गए हैं. जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में बहने वाली मेंची, कनकई, बूढ़ी कनकई, महानंदा जैसी नदियां अपने उफान पर है. नदी का पानी आसपास के गांवों में घुस आने से लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में है. वही खबर है कि ठाकुरगंज प्रखंड के बरचौंदी ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या पांच स्थित नाई बस्ती में लगभग एक दर्जन आदिवासी परिवारों के घर आंगन में पानी प्रवेश कर जाने की सूचना पर शनिवार भोर तीन बजे अंचलाधिकारी सुचिता कुमारी एसडीआरएफ की टीम के साथ पौआखाली थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार मिश्र और पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बिरेंद्र प्रसाद सिंह के सहयोग से बाढ़ प्रभावित परिवारों को बोट के सहारे सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. इस संदर्भ में मुखिया प्रतिनिधि बिरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया है कि सभी प्रभावित परिवारों को प्राथमिक विद्यालय नाई बस्ती में तत्काल रखा गया है. जहां जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी आदित्य कुमार, सीओ सुचिता कुमारी और ठाकुरगंज बीडीओ अहमर अब्दाली ने प्रभावित परिवारों से मिलकर सामुदायिक किचन चलाने का निर्देश दिया है. यहां आश्रय स्थल में सभी प्रभावित लोगों को नाश्ता और भोजन कराया जा रहा है. पंचायत के वार्ड 2,7,8 में ठिकाबस्ती, पंडित टोला में भी स्थिति जलजमाव वाली है. मुखिया प्रतिनिधि के अनुसार उनके पंचायत में करीब सौ परिवार जलसंकट से कमोबेश प्रभावित है. वहीं बगल के जीरनगछ पंचायत के मुर्दाडांगी गांव में पानी से घिरे ग्रामीणों को भी सशस्त्र सीमा बल के जवानों के द्वारा शनिवार को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था. मेची उफनाई, भातगांव पंचायत के कई गांवों में घुसा पानी ठाकुरगंज.प्रखंड में बहने वाली नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही मूसलाधार वर्षा का असर इलाके में पड़ने लगा है. शनिवार को भारत नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी में आये उफान के बाद भातगाव पंचायत के कई गांवो में पानी घुस गया. इस दौरान गलगलिया कसबे में भी बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोग पलायन को विवश देखे गए. मेची नदी में उफान से 41 बटालियन के नींबू गुड़ी,बक्सर बीटा, भातगांव बीओपी और भातगांव पंचायत के वार्ड संख्या 12 (नेमुगुडी), वार्ड संख्या 4 (ठीकाटोली) और वार्ड संख्या 3 (लकड़ी डिपो) पर बरसात का पानी घरों में घुस गया है. वही इस बाबत अंचलाधिकारी सुचिता कुमारी ने बताया कि नदियों में आयी उफान पर प्रशासन नजर बनाये हुए है. आपदा के स्थिति में कई ऊँचे स्थलों को चिन्हित किया गया है. बलिया, मजकुरी व कठामठा पंचायत के कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी बिशनपुर .कोचाधामन प्रखंड में बीते तीन दिनों में हो रही मूसलाधार वारिश से प्रखंड के विभिन्न छोटी- बड़ी नदियां उफनाई गयी है. प्रखंड में बहने वाली मुख्य कनकई और महानंदा नदी में उफनाई गयी है. जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.कनकई नदी के जलस्तर बढ़ने से एनएच 327 ई पर एक किमी सड़क के उपर से पानी बहने के कारण वाहनों का परिचालन किया बंद कर दिया गया है. साथ ही कनकई नदी के तटीय गांव के निचले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घर में घुस गया है जिससे लोग काफी परेशान है. वहीं कनकई नदी के किनारे स्थित बलिया पंचायत के वार्ड नंबर 03 में प्रधानमंत्री सड़क के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है और गांव के कई लोगों के घरों में घुस गया है. गोपियाटोली सहित मजकुरी पंचायत के बाबुल टोला मजकुरी, मजकुरी पश्चिम, नेंगसिया, चिकनी, लायतोर , बाघमारा, जीवनपुर, असुरा सहित हल्दिखोड़ा पंचायत,बिशनपुर पंचायत, कैरी बीरपुर, सुन्दरबाड़ी पंचायत एवं काठामठा पंचायत के कई गांव में बाढ़ का पानी घुसने से ग्रामीण दहशत में है. इधर प्रखंड प्रशासन के द्वारा शाम तक बाढ़ पीड़ितों का कोई सुधि नहीं लेने से पीड़ित काफी काफी आक्रोशित है.

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