माता गुजरी यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय राष्ट्रीय इंन्वेस्टिकोन 2024 का राजस्व व भूमि सुधार मंत्री ने किया शुभारंभ

माता गुजरी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय इन्वेस्टिकोन 2024 का उदघाटन बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री सह एमजीएम मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने किया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2024 8:56 PM

किशनगंज.माता गुजरी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय इन्वेस्टिकोन 2024 का उदघाटन बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री सह एमजीएम मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, माता गुजरी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डॉ सुदीप्ता बोस, प्राचार्य प्रोफेसर डॉ बिजन चंद्र दत्ता और उपप्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ असितावा देब रॉय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर इस सम्मेलन का शुभारंभ किया गया.

इस सम्मेलन में देश भर के गणमान्य चिकित्सक उपस्थित हैं जो कि देश के हर कोने से आए हुए हैं. इस दौरान डॉ असितावा मंडल, कंसल्टेंट, साइटोलॉजिस्ट और ऑन्कोपैथोलॉजिस्ट कोलकाता, डॉ बिमन सैकिया, इम्यूनोपैथोलॉजी, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ डॉ उमा नाहर सैकिया, प्रोफेसर हिस्टोपैथोलॉजी, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, डॉ. अनूप बोलर, प्रोफेसर, पैथोलॉजी, बर्धवान मेडिकल कॉलेज, बर्धवान, डॉ इंद्रनील चक्रवर्ती, प्रोफेसर पैथोलॉजी, एम्स कल्याणी, डॉ. रणधीर कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी, आईजीआईएमएस, पटना शामिल है. इस सम्मेलन में देश भर के वैसे 67 स्नातकोत्तर छात्रों के द्वारा पोस्टर प्रस्तुति और मौखिक प्रस्तुति की गई जो कि देश के विभिन्न संस्थानों से आये हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन का उद्देश्य देश भर के सभी प्रतिष्ठित संस्थानों से आये हुए विद्वानों के द्वारा दी गयी सलाह से अपने संदेह को दूर कर अद्यतन जानकारी हासिल करना है. यह पहली बार है कि इस क्षेत्र में चारों डिपार्टमेंट को एक स्तर पर लाया जा रहा है जहां हम चारों डिपार्टमेंट का डायग्नोस्टिक महत्व है. भारत में कैंसर पांव पसार चुका है.इसलिए आणविक परीक्षणों के ज्ञान के साथ हम कैंसर का समग्र पूर्वानुमान को संशोधित करने के लिए प्रारंभिक निदान के लिए अपने संस्थान में इसे लागू कर सकते हैं.

इस सम्मेलन का भविष्य

डा जायसवाल ने कहा कि उभरते युवा चिकित्सकों को इन सभी नैदानिक विधियों से सीखना चाहिए और स्वास्थ्य देखभाल में और सुधार के लिए इन ज्ञान को अपने नैदानिक अभ्यास में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए. इससे हमारे संस्थान को कई नई जांच शुरू करने में भी मदद मिलेगी, जिससे जांच विभाग के उत्थान में मदद मिलेगी जो अन्य संस्थानों के बराबर होगा. हम घातक बीमारी के सभी संदिग्ध मामलों में न्यूनतम लागत पर निर्देशित और अनिर्देशित डू कट बायोप्सी शुरू करने की योजना बना रहे हैं और साथ ही डिजिटल पैथोलॉजी भी शुरू करेंगे जो एमजीएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की चिकित्सा देखभाल प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा.

प्रौद्योगिकी और नवाचार

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड, टेलीमेडिसिन और डेटा एनालिटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करता है.

सामुदायिक जुड़ाव

स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों को संबोधित करने और समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए सामुदायिक संसाधनों और सहायता प्रणालियों की भागीदारी शामिल है. इस सम्मेलन में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी विभाग डॉ अमितवा देबरॉय, प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ अतानु रे, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रेडियो-डायग्नोसिस विभाग डॉ रेजाउल करीम,

प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष बायोकेमिस्ट्री विभाग डॉ तपन कुमार मुखोपाध्याय, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग डॉ उत्तम कुमार पॉल, प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ दीपमाला दास, प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ निबेदिता हलदर, प्रोफेसर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग डॉ स्वप्न कुमार कुंडू, प्रोफेसर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग डॉ नुपुर नंदी मैती, प्रोफेसर पैथोलॉजी विभाग डॉ बार्निक चौधरी, प्रोफेसर पैथोलॉजी विभाग डॉ बबाई हलदर, प्रोफेसर पैथोलॉजी विभाग डॉ निरवाणा रसैली हलदर, प्रोफेसर रेडियो डायग्नोसिस विभाग

डॉ सतीश मणिलाल पाठक, माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ अशोक प्रसाद, पैथोलॉजी विभाग डॉ माला, माइक्रोबायोलॉजी विभाग डा रोहण दास रॉय, माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ सुभायन दास गुप्ता, माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ भावना कुमारी, पैथोलॉजी विभाग डॉ अविनाश प्रियदर्शी, पैथोलॉजी विभाग डॉ श्रद्धा कर्ण, पैथोलॉजी विभाग डॉ अंजनी कौशल, बायोकेमिस्ट्री विभाग डॉ अब्रिता चौधरी शामिल थे.

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