गैर संचारी रोगों से बचाव के लिए सतर्कता और नियमित जांच आवश्यक:डा उर्मिला
ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर, पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियां सीधे संक्रमण से नहीं फैलती हैं, लेकिन इनके कारण मृत्यु दर में लगातार वृद्धि हो रही है.
स्वास्थ्य विभाग ने समीक्षा बैठक में दिए महत्वपूर्ण निर्देशकिशनगंज.स्वास्थ्य विभाग ने गैर संचारी रोगों से बचाव और उपचार को लेकर गंभीरता दिखाते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनगंज में एक समीक्षा बैठक आयोजित की. बैठक की अध्यक्षता गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने की, जिसमें प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय साहा ,एवं सभी एएनएम उपस्थित थी. बैठक में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि गैर संचारी रोगों के प्रति लोगों में जागररुकता बढ़ाना और समय रहते उनका उपचार सुनिश्चित करना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता है.
गैर संचारी रोगों का शुरुआती पता लगाना बेहद जरूरी
बैठक में बताया गया कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर, पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियां सीधे संक्रमण से नहीं फैलती हैं, लेकिन इनके कारण मृत्यु दर में लगातार वृद्धि हो रही है. डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा, “नियमित स्वास्थ्य जांच और संतुलित जीवनशैली अपनाकर इन रोगों से बचाव संभव है.
स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और मुफ्त इलाज की सुविधा
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिले के सभी प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में गैर संचारी रोगों की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है. सदर अस्पताल में इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य संस्थानों को ब्लड प्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर और अन्य मेडिकल उपकरणों से लैस किया गया है. जांच में रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को मुफ्त दवाएं प्रदान की जाती हैं.
अनियमित जीवनशैली रोगों का मुख्य कारण
डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि अनियमित दिनचर्या, खानपान में लापरवाही, मोटापा, तनाव और नशापान गैर संचारी रोगों के मुख्य कारण हैं. उन्होंने कहा कि बार-बार पेशाब आना, वजन में गिरावट और अधिक भूख लगना डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं. कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में तिल या मस्से का आकार बदलना, स्तन में असामान्य परिवर्तन और लंबे समय तक घाव न भरना शामिल हैं.स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बैठक में कहा कि गैर संचारी रोगों से बचाव के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और नशापान से परहेज करना बेहद जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि शुरुआती चरण में ही रोगों की पहचान कर उपचार शुरू किया जाए. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं. प्रारंभिक स्तर पर रोग का पता लगने से इलाज आसान और प्रभावी हो जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है