हम हुसैनी हैं और हुसैन से सच्ची मोहब्बत मुहब्बत करते हैं: अशरफ
मौलाना महफिल अशरफ ने अपने संबोधन में कहा कि यह मुहर्रम का मुबारक महीना चल रहा है. इस महीने की 10 वी तिथि यानी योम- ए -आसूरा को सैय्यदना हजरत इमाम हुसैन आलीमकाम जंग ए कर्बला में शहीद हुए थे.
कोचाधामन. प्रखंड के दारुल उलूम अहले सुन्नत जनता कन्हैयाबाड़ी में सोमवार की रात जलसा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मौलाना महफिल अशरफ ने अपने संबोधन में कहा कि यह मुहर्रम का मुबारक महीना चल रहा है. इस महीने की 10 वी तिथि यानी योम- ए -आसूरा को सैय्यदना हजरत इमाम हुसैन आलीमकाम जंग ए कर्बला में शहीद हुए थे. उन्होंने कहा कि हम हुसैनी हैं और हुसैन से सच्ची मोहब्बत मुहब्बत करते हैं. इसलिए हमें हुसैन के बताए रास्ते को अपनाना और उस पर जिंदगी गुजारना चाहिए. उन्होंने औलियाओं के सरदार गौस -ए- आजम मोहीयोद्दीन अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अले के जीवनी पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि सभी उलेमा और औलिया इस बात पर एक मत है कि सरकार गौस- ए- आजम जन्मजात वली हैं.वह धार्मिक मामले, धर्म शास्त्र के विशेषज्ञ, तपस्वी और कादिरिया के संस्थापक थे. उनका पूरा जीवन अल्लाह की याद, ध्यान, चिंतन में समर्पित रहा.जलसा को मौलाना सोहेल मिसवाही समेत कई उलेमाओं ने संबोधित किया. जबकि मौलाना फैयाज नूरी समेत कई नातखां ने नाते रसूल गुणगुनाया. कारी हाजी अब्दुल जलील की अध्यक्षता में आयोजित जलसा सामूहिक दुआ के साथ संपन्न हो गया. इस दौरान लोगों के बीच लंगर का वितरण किया गया. जलसा को सफल संचालन में मदरसा के संस्थापक हजरत बाबा एहसानुल हक,कारी नौशाद आलम हाफीज जफर आलम इत्यादि ने सराहनीय भूमिका निभाई.
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