जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित आफरीन एवं मेहर को सफल इलाज के लिए पटना रवाना
ख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना के अंतर्गत जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित जिले के बहादुरगंज प्रखंड की 05 वर्षीया बच्ची आफरीन एवं कोचाधामन के 04 वर्षीया बच्चा मेहर राज को सफल इलाज के लिए आई जीआई सी पटना भेजा गया है.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हो रहा दोनों का होगा निःशुल्क उपचार जरूरतमंदों को आरबीएसके टीम के सहयोग से मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सुविधा किशनगंज.मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना बच्चों को सुविधाजनक तरीके से समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल है. इसी क्रम में जिले में मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना के अंतर्गत जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित जिले के बहादुरगंज प्रखंड की 05 वर्षीया बच्ची आफरीन एवं कोचाधामन के 04 वर्षीया बच्चा मेहर राज को सफल इलाज के लिए आई जीआई सी पटना भेजा गया है जहा जांच के बाद सफल ऑपरेशन किया जाएगा . सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले में हृदय में छेद के साथ जन्में 60 से अधिक बच्चों की मुफ्त सफल सर्जरी हो चुकी है. बताया कि आरबीएसके में शामिल मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जिले में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का समुचित इलाज हो रहा व पीड़ित बच्चे स्वस्थ्य भी हो रहें हैं. जो आरबीएसके टीम की सकारात्मक पहल का परिणाम है. इसके लिए जिले में पीएचसी से लेकर जिला स्तर के अस्पतालों में तैनात आरबीएसके टीम क्षेत्र भ्रमण कर ऐसे बच्चों को ना सिर्फ चिह्नित कर रही बल्कि, उसका निःशुल्क समुचित इलाज भी सुनिश्चित करवा रही है. ताकि पीड़ित बच्चे को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिल सके. जिससे लोगों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के प्रति विश्वास बढ़े व उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी मिल सके. वहीं, इस दौरान सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी दी जा रही और लाभ लेने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. जिससे अधिकाधिक लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का सुविधाजनक तरीके से लाभ ले सकें और अनावश्यक परेशानियों से दूर रहें.
मुफ्त में हो रहा दोनो का समुचित उपचार
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया कि दोनों बच्चों का इलाज सात निश्चय कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत बिल्कुल मुफ्त होगा है . इसमें मरीज बच्चा और उसके एक अभिभावक को सरकार अपने खर्चे पर उचित इलाज करवाई जाएगी . उनके मुताबिक दोनो बच्चों को जन्म से ही दिल में छेद था, जिससे उनका सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा था. उसके पिता ने बताया कि बच्चों को बार बार बुखार तथा जल्द ही थकान होने लगती थी. इसके सफल इलाज के लिए पटना भेजा गया है |इलाज के बाद इनका फॉलोअप भी किया जाएगाशून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए कार्य करती है आरबीएसके की टीम
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस , एम्स पटना पीएमसीएच भेजा जाता है.वही अहमदाबाद के सत्य साईं अस्पताल में जिले के 20 अधिक बच्चो की ह्रदय की सफल सर्जरी हो चुकी है | जिले के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप व नाप तौल आदि करती हैं. फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है. इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजीज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसेबिएलिटी आदि शामिल हैं. इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है. –डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है