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आलू भेजेने के प्रतिबंध के आदेश से थोक व्यापारी व ट्रक चालक परेशान

बंगाल सरकार के एक तुगलकी फरमान से बंगाल और बिहार के किसान परेशान हैं.

किशनगंज. बंगाल सरकार के एक तुगलकी फरमान से बंगाल और बिहार के किसान परेशान हैं. दरअसल बंगाल में आलू की बढ़ती कीमतों और इसकी किल्लत की वजह से पश्चिम बंगाल फिलहाल अपनी आलू की जरूरतों पर ध्यान दे रहा है और आलू को बाहर नहीं भेजा जा रहा है. बुधवार को इसका असर बिहार-बंगाल सीमा पर स्थित आलू प्याज की बड़ी मंडी रामपुर में देखने को मिला. यहां बंगाल के रामपुर चेकपोस्ट के पास बंगाल पुलिस ने बैरिकेटिंग कर दिया है. महज 100 मीटर दूर बिहार जाने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है. बुधवार को इस्लामपुर एसडीपीओ के साथ बंगाल पुलिस रामपुर के पास सीमा पर पहुंची, जहां चेकिंग अभियान चलाया गया. इसमें बंगाल से बिहार में आलू के प्रवेश पर रोक लगाईं गई है, जिसे लेकर चेकिंग की जा रही थी. पुलिस सुबह से ही चेकिंग अभियान चला रही है. बंगाल पुलिस के इस चेकिंग अभियान को देखते हुए बिहार-बंगाल बॉर्डर के इलाके में दर्जनों आलू लदे ट्रक रुके हुए थे. बंगाल सीमा पर बिहार में प्रवेश करने वाले ट्रकों की जांच की जा रही थी. बिहार और बंगाल सीमा पर भी आलू लदे ट्रकों को वापस भेजा जा रहा था.

रामपुर है आलू-प्याज की थोक मंडी

बंगाल स्थित रामपुर के आलू-प्याज की थोक मंडी की भौगोलिक स्थिति काफी जटिल है. एनएच मुख्य सड़क बंगाल में पड़ती है और सड़क की बाई तरफ रेलवे लाईन तक बंगाल है. लेकिन दाई तरफ सड़क के बाद पड़ने वाली मंडी की दुकानें बिहार में है. यहां के ज्यादातर दुकानदार बिहार के निवासी है. मंडी में लगभग दो दर्जन से ज्यादा थोक दुकानदार है, जहां प्रतिदिन दर्जनों ट्रक आलू और प्याज लेकर पहुंचते है और फिर वहां से पिकअप या अन्य छोटी बड़ी गाड़ियों के माध्यम से किशनगंज जिला के अलावे बंगाल के इस्लामपुर, उतर दिनाजपुर और दालकोला तक आलू-प्याज पहुंचाया जाता है. बताया जाता है कि इस मंडी से प्रत्येक दिन 50 से 60 टन आलू व प्याज को अलग-अलग जगहों पर भेजा जाता है. प्रत्येक दिन 40 से 50 लाख का कारोबार होता है. इस कार्रवाई से अधिकतर थोक विक्रेता परेशान बुधवार को परेशान रहे.

गोदामों के बाहर लगी थी ट्रकों की कतार

बंगाल पुलिस की कार्रवाई के डर से गोदामों के बाहर सुबह से ही ट्रक व पिकअप खड़े रहे. आलू और प्याज के बाहर के ट्रक सड़क किनारे दिखे. दिन भर यही स्थिति बनी रही. सुबह से शाम होते ही वाहनों की संख्या काफी बढ़ गयी.

किशनगंज में मचेगा हाहाकार

जिले की लगभग सभी सब्जी मंडियों में आलू-प्याज की सप्लाई बंगाल के रामपुर मंडी से ही होती है. दो दिनों में अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो आलू की किल्लत हो जाएगी और दाम में भी बढ़ोतरी हो जाएगी. आलू के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर आम आदमी के जेब पर पड़ेगा.

व्यापारियों में आक्रोश

बंगाल के रामपुर में आलू व प्याज का कारोबार करने वाले किशनगंज निवासी जलील अहमद, व्यसायी रंजीत रामदास, रमन राज, बबलू शाही, संतोष कुमार ने कहा कि ऐसे तो हमें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अब हम क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने बताया कि हमें पूर्व में बंगाल प्रशासन द्वारा कोई सूचना नहीं दी गयी. अचानक आज सुबह पहुंचे और तुरंत बैरिकेड लगाकर आलू भेजने पर रोक लगा दिया. उन्होंने बताया कि इससे रामपुर की थोक मंडी तो बर्बाद ही हो जायगी. हमको प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान होगा. उन्होंने बताया कि किशनगंज के जनप्रतिनिधियों को उक्त समस्या से अवगत करवाया गया है ताकि वे हमारी समस्या को आगे पहुंचाए.

ट्रक चालक और मालिक भयभीत

ट्रक या पिकअप चालक और मालिक बंगाल पुलिस की कार्रवाई से भयभीत है. बंगाल सरकार उनकी गाड़ी को सीज कर चालान काटने की धमकी दे रही है. वहीं चालकों से बंगाल पुलिस ने कहा है कि जिस स्थान से आलू लोड कर लाये हैं. इसे वहीं वापस ले जायें नहीं तो जब्त कर चालान काट दिया जाएगा. बंगाल अपना तुगलकी फरमान वापस नहीं लेती है तो जन आंदोलन किया जाएगा. बिहार से बंगाल सामान ले जा रहे वाहनों को रोका जाएगा. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर वह डीएम, किशनगंज से मिलकर व्यापारियों की समस्या से अवगत कराएंगे.

-इंद्रदेव पासवान, नप अध्यक्ष

मामले की जानकारी मिली है. मामले को लेकर वह जिला प्रशासन से बात करेंगे.

-मुजाहिद आलम, पूर्व विधायकB

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