नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण एवं आच्छादन के लिए कार्यशाला

समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास को ले नियमित टीकाकरण की गुणवत्ता की और भी सुदृढ़ीकरण एवं इसके आच्छादन के लिए कृतसंकल्पित है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2024 7:16 PM

किशनगंज. समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास को ले नियमित टीकाकरण की गुणवत्ता की और भी सुदृढ़ीकरण एवं इसके आच्छादन के लिए कृतसंकल्पित है. इसी क्रम में जिले में शतप्रतिशत नियमित टीकाकरण के उद्देश्य को लेकर शनिवार को जिले के दिघलबैंक प्रखंड में नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण एवं आच्छादन में बढ़ोतरी के लिए कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने कहा कि इस कार्यशाला से जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता के मनोबल में वृद्धि होगी. स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना आसान होगा. कार्यशाला में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सा पदाधिकारियों, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीकाकरण के बाद उसका फॉलोअप निरंतर रूप से करना सुनिश्चित करें. जिसके लिए आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं के अलावा अभिभावकों को परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी देने की आवश्यकता है. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी की सभी तरह की सुविधाएं मिल रही |विदित हो की आगामी और 25 मई तक जिले के सभी सातों प्रखंडों में एएनएम की कार्यशाला के माध्यम से उन्मुखीकरण किया जाएगा. साथ ही नियमित टीकाकरण अभियान की समीक्षा भी की जाएगी. इस संबंध में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र जारी कर अपने अपने प्रखंडों में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने के लिए सभी एएनएम को प्रशिक्षित करना सुनिश्चित करने को कहा है. उक्त कार्यक्रम में एमओआईसी, डबलूएचओ के एसएमओ डॉ प्रीतम एवं एएनएम उपस्थित थे.

जिले में टीकाकरण सौ फीसदी हासिल करना है उद्देश्य

नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात के जीवन पर जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है. शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और कम लागत का तरीका है. विश्व में आधे से अधिक बच्चे खतरें की परिस्थिति और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक टीका प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं इसमें मुख्य रूप से टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा की गई तथा लक्ष्य को पूरा करते हुए टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश सभी उपस्थित एएनएम को दिया गया है ,नियमित टीकाकरण को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित टीकाकरण के दौरान मां एवं बच्चों को का प्रतिरक्षण सुनिश्चित करने के साथ ही वेक्सिन के रख रखाव एवं इसके प्रयोग की जानकारी दी गई. समय समय पर टीका न लगने पर वैक्लपिक उपाय की जानकारी दी गई. सीएस श्री झा ने कहा की पिछले वितीय वर्ष में जिले का प्रतिरक्षण दर 90. 3 फीसदी रही है , जो की राज्य स्तर पर सातवे स्थान में है इसे हर हाल में सौ फीसदी हासिल करना है. टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच जागरूकता को लेकर प्रचार प्रसार एवं आवश्यक कार्यकलापों के संचालन की भी जानकारी दी गई. इस मौके पर सभी प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक एएनएम एवं कई स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद थे. उन्होंने बताया जिले में सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए हम हमेशा प्रयासरत हैं.

नियमित टीकाकरण अभियान को मिलेगी गति

सिविल सर्जन डा राजेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला में सभी एएनएम को नियमित टीकाकरण की सूक्ष्म कार्ययोजना के बारे में बताया ह्या है . टीकाकरण के आच्छादन में बढ़ोतरी, नियमित टीकाकरण के बाद होने वाली संभावित परेशानियों का मूल्यांकन एवं प्रबंधन के बारे में इस कार्यशाला में बातें की गयी है . साथ-साथ टीका के रियल टाइम स्टाक, स्टोरेज तापमान, टीका की जरूरत एवं आपातकालीन प्रबंधन के बारे में भी अवगत कराया गया है. इसके अलावा किसी भी जटिल केस पर नजर रखना एवं ईविन पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी.

नियमित टीकाकरण कार्यक्रम है स्वस्थ जीवन की धुरी

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं नवजात तथा छोटे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में नियमित टीकाकरण अहम् भूमिका निभाता है. गर्भस्थ शिशु एवं उसकी माता से इसकी शुरुआत होती है. नियमित टीकाकरण विभिन्न बीमारी के संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ बच्चों की रक्षा करता है. साथ ही, शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुदृढ़ करता है. नियमित टीकाकरण से बच्चों को चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है. बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटा वायरस वैक्सीन, इन्फ्लूएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किये जाते हैं. बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है. यह शरीर में बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है. साथ ही एंटीबॉडी बनाकर शरीर को सुरक्षित भी रखता है.

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