विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस आज, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने को ले किया जायेगा जागरूक
29 मईको विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस है. विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संगठन (डब्ल्यूजीओ) द्वारा शुरू किए गए इस दिन का उद्देश्य पाचन स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना और पाचन रोगों की रोकथाम और उपचार को बढ़ावा देना है.
ठाकुरगंज(किशनगंज). 29 मईको विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस है. यह प्रतिवर्ष 29 मई को मनाया जाता है. विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संगठन (डब्ल्यूजीओ) द्वारा शुरू किए गए इस दिन का उद्देश्य पाचन स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना और पाचन रोगों की रोकथाम और उपचार को बढ़ावा देना है. इस दिन को मनाने का मकसद है, लोगों को पाचन तंत्र के महत्व के बारे में बताना. शरीर में पाचन संबंधी समस्या, इसके रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संगठन के द्वारा इस दिन को बढ़ावा दिया गया था.
विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस का इतिहास और महत्व
विश्व गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संगठन ने द्वारा 31 मई, 2004 को निर्णय लिया कि कि आगे चलकर इस दिन को विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस के रूप में जाना जाएगा. यह दिन डब्लूजीओ द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से मनाने जाने का फैसला लिया गया. पहली बार विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस 29 मई 2005 को मनाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लाखों लोग पेट से संबंधित किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं. इस दिन डब्लूजीओ पेट से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता है, जिससे लोग जागरूक हो और पाचन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं.विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस 2024 थीम
इस वर्ष, 2024, विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस की थीम है “आपका पाचन स्वास्थ्य: इसे प्राथमिकता बनाएं”. थीम का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि समग्र स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता के लिए आंत का स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है.क्या कहते है चिकित्सक
इस मामले में चिकित्सक डॉ एके झा कहते है की पाचन स्वास्थ्य के लिए खुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज़रूरी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि फाइबर आपके कोलन में पानी खींचकर भारी लेकिन मुलायम मल बनाता है, जिससे मल आसानी से निकल जाता है. हर दिन लगभग एक ही समय पर नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना और स्नैक्स खाने से आपके भोजन का उचित पाचन होता है. जब आप नियमित समय पर नहीं खाते हैं, तो इससे आपके पेट पर अधिक काम पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर पेट फूल जाता है और अपच हो जाती है. अपने पेट को भोजन को ठीक से पचाने के लिए हर 3 से 4 घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें.अपने आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करे. वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें सुनिश्चित करें कि आपको घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर मिल रहे हैं.उच्च फाइबर वाला आहार लें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है