श्री सिद्धपीठ काली मंदिर में धूमधाम से की गयी सोमवती सह कौशिकी अमावस्या पर पूजा अर्चना
ठाकुरगंज रेलवे फाटक के समीप श्री श्री सिद्धपीठ काली मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान एवं पूजा अर्चना कार्यक्रम आयोजित किया गया.
ठाकुरगंज. सोमवती सह कौशिकी अमावस्या के अवसर पर सोमवार को संध्या ठाकुरगंज रेलवे फाटक के समीप श्री श्री सिद्धपीठ काली मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान एवं पूजा अर्चना कार्यक्रम आयोजित किया गया. हिंदू परंपरा के अनुसार ढाक – बाजे के साथ मां काली की पूजा अर्चना के अवसर पर मां के भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी. इस शुभ अवसर पर आध्यात्मिक स्वतंत्रता और आनंद का जश्न मनाने के लिए लोगों ने दीपक जलाएं. इसलिए इस दिन को आलोक अमावस्या भी कहा जाता है. पूजा अर्चना के दौरान मां को भोग भी चढ़ाया गया. इस संबंध में मंदिर के पुरोहित मुन्ना पांडे ने बताया कि भाद्र मास में पड़ने वाली अमावस्या अपने आप में और भी अधिक आध्यात्मिक महत्व रखती है. एक वर्ष में पड़ने वाली 12 अमावस्याओं में से इस अमावस्या को सभी की रानी का दर्जा दिया गया है. इसे आलोक अमावस्या, कुशग्रहिणी अमावस्या, कौशिकी अमावस्या और भाद्र अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. साधक के जीवन में यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि महामाया जगत जननी, ब्रह्ममयी मां की बहुत भक्ति के साथ पूजा की जाती है. ब्रह्म-ज्ञान (परम ज्ञान) के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है. यही कारण है कि साधक पूरे साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है. कौशिकी अमावस्या अन्य सभी अमावस्याओं से थोड़ी अलग होती है, क्योंकि तंत्र और शास्त्रों के अनुसार भद्रा की यह तिथि थोड़ी खास होती है. यदि इस दिन बहुत कठिन और गुप्त कार्य करते हैं, तो आपको अप्रत्याशित परिणाम प्राप्त होंगे. भक्त कुलकुंडलिनी चक्र पर विजय प्राप्त करता है.
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