23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक तरफ हम चांद पर पहुंचने का कर रहे दावा तो दूसरी ओर पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश नौनिहाल

ठाकुरगंज प्रखंड में एक सरकारी स्कूल के बच्चे स्कूल भवन के अभाव में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर है. आज इनकी पढ़ाई एक तपस्या से कम नहीं है. जमीन के अभाव में यह सरकारी स्कूल मदरसा के एक किनारे पेड़ के नीचे चलता है.

ठाकुरगंज(किशनगंज). एक तरफ जहां सरकारी स्कूल नए भवन निर्माण के बाद चमकने लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ ठाकुरगंज प्रखंड में एक सरकारी स्कूल के बच्चे स्कूल भवन के अभाव में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर है. आज इनकी पढ़ाई एक तपस्या से कम नहीं है. जमीन के अभाव में यह सरकारी स्कूल मदरसा के एक किनारे पेड़ के नीचे चलता है. बच्चे उसी पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं. यहां अक्सर सांप-बिच्छू निकलते रहते हैं. इन खतरों के बीच स्कूल में नामांकित 230 बच्चों को टीचर पेड़ के नीचे पढ़ाते है. बच्चों ने बताया कि यहां सांप-बिच्छू निकलते रहते हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि उनकी इच्छा है कि जल्दी से जल्दी स्कूल को अपनी जमीन मिल जाए और अपने भवन पढ़ाई ठीक से शुरू हो सके.

2

010 में आस्तित्व में आया था स्कूल

मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2009 और इसके आधार पर अधिसूचित बिहार राज्य मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत प्रावधान है कि वैसे सभी बसावट, जहां 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की संख्या कम से कम 40 हो के 1 किमी. के भीतर स्कूल की स्थापना की जायेगी. जिसके आधार पर चुरली पंचायत में कई स्कूल खोले गए इसमें नया प्राथमिक विद्यालय कारगिल बस्ती, नया प्राथमिक स्कूल मतीनटोला और नया प्राथमिक स्कूल नावडुब्बा खोला गया. नया प्राथमिक विद्यालय मतीनटोला के प्रधानाध्यापक वरुण कुमार ने बताया कि वर्ष 2010 से भूमि व भवन के अभाव में गांव के ही मदरसा में चल रहा है.विद्यालय में अध्ययनरत सभी बच्चे अल्पसंख्यक विरादरी के है. गांव में भूमि दाता नहीं होने की स्थिति में ग्रामीणों ने दर्जनों बार अंचलाधिकारी ठाकुरगंज से इस विद्यालय को बिहार सरकार की भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था लेकिन अंचल कार्यालय द्वारा इस संबंध में कोई रूचि नहीं लिया गया.

कारगिल बस्ती को आवंटित है भूदान की जमीन

कारगिल बस्ती स्कूल जमीन नहीं मिलने के बाद जब सिफ्ट कर दिया गया तो ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के प्रयास से गाँव में ही भूदान की साढ़े सात डिसमिल जमीन खोजी गई और उसे स्कूल के नाम आवंटित किया गया. गोथरा मोजा के खाता नंबर 237 खेसर 2516 में 7.5 डिसमिल जमीन आवंटित की गई कागजातों में यह जमीन बिहार सरकार की बताई गई है.

कारगिल बस्ती स्कूल बनने से मतीन टोला की समस्या का भी होगा निदान

बताते चले कारगिल बस्ती स्कूल और मतीनटोला स्कूल का पोषक क्षेत्र सटा हुआ है ही इन दोनों स्कूल के बीच की दुरी एक किमी से भी कम है. ऐसे में यदि कारगिल बस्ती स्कूल का निर्माण होता है तो मतीन टोला स्कूल की समस्या का भी निदान हो जाए

क्या कहते है अधिकारी

इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी मतिउररहमान से बात की गई तो उन्होंने खुद के नए होने की बात बताते हुए जल्द ही कार्रवाई की बात कही और कहा जिला में सभी स्कूलो को खुद की जमीन उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास हो रहे है. और विभिन्न अंचल कार्यालय से इस मामले में लगातार पत्राचार हो रहा है.

क्या कहते है बीईओ

वही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुमकुम देवी से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को भवन और सरकारी भूमि नहीं मिल पाई है उन्हें टैग किये जाने का आदेश आ चुका है अब मतीनटोला और कारगिल बस्ती स्कूल अब तक मर्ज क्यों नहीं हुआ इसकी जांच कर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें