किशनगंज.माता गुजरी यूनिवर्सिटी के सभागार में इंडियन रेडक्रॉस सोसाईटी किशनगंज शाखा के द्वारा विश्व रेडक्रॉस डे के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. समाज को नशा मुक्त करने के लिये युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन मुख्य अतिथि खेल पदाधिकारी मेहनाज आलम, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन व माता गुजरी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ इच्छित भारत, सचिव मिक़्क़ी साहा व रेडक्रॉस सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
वर्ल्ड रेडक्रॉस के अवसर पर समाज में अग्निशमन के बेहतरीन कार्य व जागरूकता के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया. मालूम हो कि वर्ल्ड रेडक्रॉस के अवसर पर शहर में रेडक्रॉस के द्वारा कई जागरूकता अभियान चलाया गया. इसके तहत चिकित्सा शिविर के माध्यम से लोगों का निःशुल्क उपचार और दवा दी गयी. साथ ही घरेलू गैस सिलेंडर से बचाव को लेकर आमजनों को सुरक्षित उपाय को बताया गया. बुधवार को एमजीएम सभागार में आयोजित नशा मुक्ति जागरूकता अभियान का संदेश दिया गया.कार्यक्रम में रेडक्रॉस कार्यकारिणी समिति के सदस्य वॉइस चेयरमैन शंकरलाल महेश्वरी, प्रो बुलंद अख्तर हाशमी, धनंजय जायसवाल, सुदामा राय, अग्निशमन के अधिकारी विजेंद्र कुमार, सौरभ कुमार, अजय सिंह एवं माता गुजरी यूनिवर्सिटी के डीफार्मा व पारा मेडिकल छात्र -छात्रा सहित अन्य मौजूद थे.
नशे के सेवन से रहे दूर:मेहनाज
इस अवसर पर खेल पदाधिकारी मेहनाज आलम ने अपने संबोधन में कहा कि 8 मई को रेडक्रॉस के संस्थापक हेनरी डुनेंट की जयंती का वार्षिक उत्सव मनाया जाता है. तब से इस दिन को विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने युवाओं को संबंधित करते हुए कहा कि नशा एक अभिशाप है. इन पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि पहुंचने के साथ सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है. साथ ही स्वयं व परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचता है. वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है. समाज में खासकर युवाओं को नशा से दूर रहने और अपने भविष्य को संवारने के लिये ध्यान देनी चाहिये.प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहा है रेडक्रॉस : डा इच्छित
रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ इच्छित भारत नेअपने संबोधन में कहा कि इस बार रेडक्रॉस की थीम कीपिंग ह्यूमानिटी अलाइव है. इसका अर्थ इंसानियत को जिंदा रखने से है. रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसका कार्य प्राकृतिक आपदा, महामारी, बाढ़ सहित अन्य आपदाओं में लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है जो वास्तव में जरूरतमंद है. आज समाज में नशा बड़ी तेजी से बढ़ रहा हैं. कम उम्र के बच्चों में भी नशा का प्रभाव बढ़ रहा है जिससे समाज में इससे अपराध प्रवृत्तियाँ बढ़ी हैं. शराब एवं नशीली पदार्थ का प्रचलन से पूरे देश के युवा वर्ग में बड़ी तेजी से बढ़ा है. नकारात्मकता, निराशा, अवसाद को दूर करने के लिए आज का युवा इन्हीं को अपनाता है. यह धीमा जहर सामाजिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा घातक है. इसके लिए युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक व प्रेरित करना होगा. उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी का मिशन शांतिपूर्ण वातावरण उत्पन्न करने के लिए हर समय और सभी प्रकार की मानवीय गतिविधियों को प्रेरित करना, प्रोत्साहित करना और आरंभ करना है. श्री डॉ भारत ने कहा कि नशे से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है. यह पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है. लोगों को अपने नशे की बुराई छोड़ने का संकल्प दिलाया.रेडक्रॉस के सचिव मिक़्क़ी साहा ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि जिले में रेडक्रॉस के द्वारा लगातार ब्लड डोनेशन व जागरूकता अभियान आमजनों के बीच चलाया जाता है. सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में बच्चों को आपदा से बचाव के लिये समय समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. आज नशा से युवा पीढ़ी ज्यादा प्रभावित है. रेडक्रॉस के द्वारा नशा मुक्ति को लेकर एक सकारात्मक संदेश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति की नशे की लत से परिवार और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहना ही इसका सर्वोत्तम इलाज है. कुछ बीमारियों का इलाज ही बचाव है. नशा के सेवन से जीवन में निराशा का भाव आने लगता है। साथ ही चिड़चिड़ापन पैदा होता है, जो उसकी सफलता और जीवन के रोजमर्रा के कामों में बाधक बनता है. उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस के द्वारा ब्लड डोनेशन, नशा मुक्ति व आपदा को लेकर कई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलायी जा रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है